भारत की चार मुक्केबाज बेटियां जमाएंगी स्वर्णिम पंच

निकहत दूसरी और नीतू पहली बार विश्व चैम्पियन बनने से एक कदम दूर
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
विश्व महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भारत की चार मुक्केबाज बेटियां स्वर्णिम पंच जमाने रिंग में उतरेंगी। निकहत जरीन लगातार दूसरी बार और हरियाणा की नीतू पहली बार विश्व चैम्पियन बनने से एक कदम दूर हैं। निकहत ने बृहस्पतिवार को ओलम्पिक पदक विजेता और पिछली विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीतने वाले कोलंबिया की विक्टोरिया वेलेंसिया इंगरित को 5-0 से हराया तो नीतू ने एशियाई चैम्पियन और पिछली विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने वाली कजाखस्तान की अलुआ बालकिबेकोवा 5-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। नीतू ने अलुआ से बीते वर्ष विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में मिली हार का बदला लिया।
निकहत के लिए यह चैम्पियनशिप खास बन गई है। उन्होंने बताया कि उनकी मां पहली बार किसी चैम्पियनशिप में उन्हें पहली आंखों के सामने खेलने देखने आई हैं। निकहत कहती हैं कि पहले तो मां रिंग में उतरने की बात पर ही परेशान हो जाती थीं, लेकिन पिछली विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण के बाद वह थोड़ा मजबूत हुई हैं। यही कारण है कि वह इस चैम्पियनशिप में उन्हें खुद खेलते देखने आई हैं। मार पड़ती है तो मां थोड़ा परेशान होती हैं, लेकिन अब वह समझ गई हैं। निकहत कहती हैं कि वह चाहती हैं कि यहां स्वर्ण जीतकर एक बार फिर इसे अपनी मां के गले में डालें।
निकहत कहती हैं कि यह उनका टूर्नामेंट में अब तक सर्वश्रेष्ठ बाउट था। इंगरित को वह 2019 में बिग बाउट में हरा चुकी हैं। उन्होंने उसके खिलाफ अपनी चार साल पहले की रणनीति यहां अपनाई जो एक बार फिर काम कर गई। यह चैम्पियनशिप उनके लिए एशियाई खेलों की तैयारियों का बड़ा हिस्सा है। निकहत फाइनल में एशियाई चैम्पियन न्यून थी ताम से खेलेंगी।
हर हाल में अलुआ को हराने की ठान कर आईं नीतू
सेमीफाइनल में उतरने से पहले नीतू के दिमाग में बीते वर्ष इस्तांबुल (तुर्किए) में हुई विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल रह-रहकर घूम रहा था। उन्हें याद आ रहा था कि बुखार में तपने के बावजूद वह इसी कजाखस्तान के अलुआ बालकिबेकोवा से बेहद नजदीकी मुकाबले में हार गई थीं। वरना विश्व चैंपियनशिप का पदक उसी वक्त उनके हाथ में होता। नीतू को कोचेज ने उस दौरान खेलने से भी मना किया था, लेकिन वह खेलीं और जीत के कगार पर पहुंचकर हार गईं। नीतू यहां ठान कर आई थीं, उन्हें यह मुकाबला हर हाल में जीतना है। प्रशिक्षकों की रणनीति के अनुसार उन्होंने फैसला लिया कि बालकिबेकोवा से वह दूर होकर नहीं खेलेंगी। उसके नजदीक जाकर हमले करेंगीं। नीतू कहती हैं कि बालकिबेकोवा दूर से खेलने में माहिर हैं। वह भी दूर से खेलती हैं, लेकिन आज उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसका फायदा उन्हें मिला।
फाइनल में मंगोलियाई बॉक्सर से खेलेंगी नीतू
पहला दौर 2-3 से हारने के बाद नीतू ने दूसरे दौर में जबरदस्त वापसी कर 4-1 से जीत हासिल की। तीसरे दौर में भी वह अलुआ के नजदीक जाकर उन पर आक्रमण करती रहीं। वह रिंग में पांच गिरी भीं, लेकिन उन्होंने अलुआ से पिछली हार का बदला ले ही लिया। नीतू फाइनल में मंगोलिया की लुतसाइखान से भिड़ेंगी।

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