पहले तीरंदाजी हाई परफार्मेंस सेंटर में अब सिर्फ फिनिशिंग बाकी

अब भारतीय तीरंदाजों को विदेश में प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी
खेलपथ संवाद
सोनीपत।
भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बहालगढ़, सोनीपत में बन रहे देश के पहले तीरंदाजी के हाई परफार्मेंस सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके मैदान और भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। इसमें अब फिनिशिंग का काम बचा है, जिसे करीब दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। 
इस सेंटर के बन जाने से भारतीय तीरंदाजों को विदेश में प्रशिक्षण लेने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सेंटर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। हाई परफार्मेंस डायरेक्टर संजीवा सिंह ने बताया कि साई सोनीपत में देश का पहला हाई परफार्मेंस सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसमें तीरंदाजों के लिए विदेश की तर्ज पर सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। अगले ढाई महीने में फिनिशिंग का कार्य पूरा किया जाएगा। 
उन्होंने बताया कि इस पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस सेंटर के शुरू होने के बाद देश के तीरंदाजों को अभ्यास के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा। इसका निर्माण वेपकास कम्पनी को दिया गया है। कम्पनी 10 हजार वर्ग फुट में सेंटर बना रही है। सेंटर में तीरंदाजों की ब्रेन मैपिंग, हार्ट वेव मैपिंग, मांस-पेशियों की हरकत की निगरानी और ट्यूनिंग के लिए हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे। केंद्र में वीडियो विश्लेषण की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए केंद्र में विभिन्न एंगल्स पर 6 हाई क्वालिटी कैमरे लगाए जाएंगे। इंडोर से आउटडोर शूटिंग की भी सुविधा रहेगी। अभी तक ऐसे सेंटर कोरिया और एकाध अन्य देशों में ही हैं।
हाईटेक होंगे टारगेट
अभी देश में पुआल और रबड़ से बने टारगेट का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि गर्मी-सर्दी और बारिश के कारण जल्दी ही खराब हो जाते हैं। हाई परफार्मेंस सेंटर बनने के बाद अब इन टारगेट की जगह पॉलीफोम के टारगेट का इस्तेमाल किया जाएगा। ये टारगेट जल्दी खराब नहीं होते और इन पर तीरों का भी कम प्रभाव पड़ता है।
ये मिलेंगी सुविधाएंः इंडोर रेंज 30 मीटर तक होगी, इंडोर से आउटडोर शूटिंग की सुविधा निगरानी और विश्लेषण के साथ छह कैमरों के साथ वीडियो विश्लेषण, डार्टफिश साफ्टवेयर के साथ बायो मैकेनिकल विश्लेषण, हाई एंड ट्यूनिंग, कोचों के विश्लेषण और विचार-विमर्श के लिए कॉन्फ्रेंस रूम, साइंटिफिक स्पोर्ट रूम।

 

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