मम्मी कल अपने जन्मदिन का तोहफा दूंगी और दे दिया विश्व कप खिताब

हरियाणा की शेफाली वर्मा के घर जश्न का माहौल
पिता संजीव वर्मा बोले- मुझे बेटी पर गर्व
खेलपथ संवाद
चंडीगढ़।
मम्मी कल अपने जन्मदिन का तोहफा दूंगी... शनिवार शाम फोन पर हुई बातचीत में शेफाली ने यही कहा था। सुबह फोन पर खेल के बारे में कोई बात नहीं की। उसे मैंने यही कहा, बेटी अपना ध्यान रखना। मैच के साथ विश्व कप जीतकर बेटी ने खुद साबित कर दिया है। उसकी मेहनत से देश सफल हुआ है। यह कहना है शेफाली की मां प्रवीण वर्मा का। उन्होंने झज्जर रोड स्थित क्रिकेट एकेडमी में मैच देखने के बाद बेटी से हुई बातचीत के अंश व खुशी साझा की।
उन्होंने कहा कि शनिवार को बेटी का जन्मदिन था। वह 19 साल एक दिन की हो गई है। जन्मदिन की शाम बेटी से बात हुई थी। उसने कहा कि रविवार को अपने जन्मदिन का तोहफा दूंगी। उसने मैच के साथ विश्व कप जीतकर देश को अपना तोहफा दिया है। साथ ही उसके क्रिकेट खेलने पर टिप्पणी करने वालों का भी मुंह बंद कर दिया है।
देश की टीम में जगह बनाने के बाद बेटी पहली बार अंडर-19 टीम की कप्तान के रूप में दूसरे देश से विश्वकप जीत कर लौटेगी। यह हमारे लिए गौरव वाली बात है। इससे पूरे परिवार में खुशी की लहर है। अब उसका लक्ष्य अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाला सीनियर वूमन विश्वकप जीतना है। बेटी की जीत के लिए देवी से मन्नत मांगी थी। ताई सुशीला व चाची सुदेश ने भी बेटी के जीत पर प्रसन्नता जाहिर की है।
कामयाब हुई सालों की मेहनत
शेफाली को मैच व विश्वकप जीतता देख भावुक हुए पिता संजीव वर्मा ने कहा कि सबकी सालों की मेहनत कामयाब हो गई। बेटी ने क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। शनिवार शाम उसके जन्मदिन पर बात हुई तो उसे यही कहा था कि थोड़ा दिमाग लगाकर चलना है। बड़ी जिम्मेदारी है। धैर्य रखना। उसने धैर्य के साथ खेलते हुए देश को विश्वकप दिलाया है। 
अपने जन्मदिन का उसने देश को बड़ा तोहफा दिया है। यह क्षण हमेशा याद रहेगा। बेटी की जीत के लिए कुलदेवी मनसा देवी से प्रार्थना की थी। लौटने पर उसके साथ राजस्थान नीमराणा के दहमी स्थल पर देवी के दर्शन करने जाएंगे। इस सफलता का श्रेय बीसीसीआई, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन व एकेडमी को जाता है। कप के साथ घर आने पर बेटी का जोरदार स्वागत किया जाएगा।
स्वाभाविक खेल खेलती है शेफाली
एकेडमी निदेशक एवं कोच अनीष शर्मा ने कहा कि शेफाली अपना स्वाभाविक खेल खेलती है। यही उसका मजबूत पक्ष है। फाइनल मैच में भी उसने अपना स्वाभाविक खेल ही खेला। वह दबाव नहीं लेती है। यही उसके खेल के साथ रणनीतिक रूप से अच्छा है। दक्षिण अफ्रीका में फरवरी में होने वाले सीनियर वूमन विश्वकप में भी वह इसी तरह परचम लहराएगी। हमें उसे पर गर्व है।
सोनिया को अच्छा खेलने के लिए किया प्रेरित
शेफाली के साथ टीम में शामिल रोहतक के ब्राह्मणवास की दूसरी बेटी सोनिया की मां सरोज ने कहा कि मैच से पहले बेटी से बात हुई थी। उसे यही कहा था कि अच्छा खेलना। आगे मौका मिलेगा। वह टीम में शामिल रही, मगर उसे पहले 11 खिलाड़ियों में अपने खेल का प्रदर्शन करने का अवसर नहीं मिला। इसे लेकर उसे प्रोत्साहित किया। बेटी शेफाली ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।

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