एंबोलो ने दिलाई जीत, लेकिन ‘मातृभूमि’ की खातिर नहीं मनाया जश्न

फीफा विश्व कप: स्विट्जरलैंड ने कैमरून को 1-0 से हराया
अल वाकराह (कतर)।
ब्रील एंबोलो के गोल से स्विट्जरलैंड ने बृहस्पतिवार को यहां फीफा विश्व कप के ग्रुप जी मैच में कैमरून को 1-0 से हरा दिया। एंबोलो ने भले ही स्विट्जरलैंड को महत्वपूर्ण जीत दिलाई हो, लेकिन उन्होंने अपने इस वादे को निभाया कि अगर वह उस देश के खिलाफ गोल करेंगे जहां उनका जन्म हुआ तो वह इसका जश्न नहीं मनाएंगे। 
एंबोलो ने 48वें मिनट में गोलमुख के सामने मिले शेरडन शकीरी के पास को दाएं पैर से दनदनाता हुआ शॉट लगाकर गोल में पहुंचाया। एंबोलो ने गोल करने के बाद अपने दोनों हाथ फैला दिए और जब टीम के उनके साथी जश्न मनाने के लिए उनकी तरफ दौड़े तो उन्होंने अपने दोनों हाथ मुंह पर रख लिए। उन्होंने अल जेनोब स्टेडियम में गोल के पीछे मौजूद स्विट्जरलैंड के प्रशंसकों और फिर विपरीत गोल के पीछे मौजूद कैमरून के प्रशंसकों की ओर इशारा किया। पच्चीस साल के फारवर्ड एंबोलो ने पांच साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कैमरून छोड़ दिया था। उनका परिवार पहले फ्रांस में रहा, लेकिन बाद में स्विट्जरलैंड में बस गया। वह दूसरी बार विश्व कप में स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 
अफ्रीका में जन्मे खिलाड़ी ने भले ही गोल किया हो लेकिन अफ्रीका की टीमें चार मैच खेलने के बावजूद अब तक मौजूदा विश्व कप में कोई गोल नहीं कर पाई हैं। इन सभी टीम ने अपने से बेहतर रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ मुकाबले खेले हैं। मोरक्को और ट्यूनीशिया ने तो क्रमश: क्रोएशिया और डेनमार्क को गोल रहित बराबरी पर रोका। इस हार के साथ विश्व कप फाइनल्स टूर्नामेंट में कैमरून की हार का सिलसिला आठ मैच तक पहुंच गया। यह क्रम 2002 से चला आ रहा है। दोनों टीमों ने मुकाबले की धीमी शुरुआत की।

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