मेसी और रोनाल्डो को पहली विश्व कप ट्रॉफी का इंतजार

आखिरी विश्व कप खेलेंगे दोनों दिग्गज
नई दिल्ली।
विश्व के दो सुपरस्टार फॉरवर्ड लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपनी-अपनी क्लब की टीमों को कई खिताब दिलाए हैं। लेकिन दोनों दिग्गजों को अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी का इंतजार है। 35 वर्षीय मेसी के हाथों में अर्जेंटीना की कमान होगी। यह उनका पांचवां और संभवतः आखिरी विश्वकप होगा। 
अर्जेंटीना ने 44 साल से विश्व कप ट्रॉफी नहीं जीती है। इस बीच, दो बार यह टीम खिताब के बेहद करीब पहुंची, लेकिन फाइनल में उसे हार का सामना करना पड़ा। अर्जेंटीना ने पिछले साल ही कोपा अमेरिका कप अपने नाम किया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मेसी अर्जेंटीना के 44 साल के खिताबी सूखे को खत्म कर सकते हैं। वहीं, रोनाल्डो की टीम पुर्तगाल तो एक बार भी विश्व कप ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। माना जा रहा है कि 37 वर्षीय रोनाल्डो का यह आखिरी टूर्नामेंट होगा और वह अपने इस टूर्नामेंट को जीतना चाहेंगे। विश्व कप से पहले मेसी ने कहा कि इन दिनों सभी राष्ट्रीय टीमों के खिलाफ खेलना मुश्किल है। विश्वकप में किसी भी टीम को हराना आसान नहीं होता। फ्रांस और ब्राजील की टीमें अच्छी हैं और उनके पास शीर्ष स्तर के खिलाड़ी हैं।
मजबूती: टीम की सबसे बड़ी मजबूत यही है कि उनके पास विश्व के सबसे अच्छो फॉरवर्डों में से एक लियोनल मेसी हैं। टीम ने पिछले महीनों में कड़ी मेहनत की है जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। अर्जेंटीना के पास मेसी के अलावा फॉरवर्ड लाउतारो मार्टिनेज और एंजेल डि मारिया भी हैं जो मेसी का गोल करने का दबाव कुछ हद तक कम कर सकते हैं। कुछ महीनों पहले अर्जेंटीना ने फाइनलिसिमा में यूरोपियन चैंपियन इटली को 3-0 से मात दी थी।
कमजोरी: अर्जेंटीना का हाल ही का डिफेंसिव रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। विश्वकप में टीम के डिफेंस की परीक्षा होने वाली है क्योंकि इस फुटबाल के महाकुंभ में एक से बढ़कर एक फॉरवर्ड हैं। हालांकि टीम बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ अभ्यास मैच खेलेगी और अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करेगी।
खेलने का तरीका: टीम के खिलाड़ी ज्यादातर गेंद स्टार खिलाड़ी लियोनल मेसी को देने का प्रयास करते हैं ताकि वह गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचा सके। वैसे मेसी को गेंद देने की जिम्मेदारी लीनड्रो पेरेडेज और रोड्रिगो डि पॉल जैसे अच्छे मिडफील्डरों के कंधों पर है।
लियोनल मेसी 2006, 2010, 2014 और 2018 के विश्व कप में खेल चुके हैं। लियोनल मेसी 6 गोल विश्व कप के 19 मैचों में कर चुके हैं। 1978 और 1986 में विश्व कप की ट्रॉफी अर्जेंटीना ने जीती। 44 साल से विश्व कप की ट्रॉफी का इंतजार अर्जेंटीना को है। 36 टीमों का विश्व कप में अर्जेंटीना ने अब तक सामना किया है। 3 मैच खेलते ही मेसी इस टूर्नामेंट में अर्जेंटीना के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे। पिछले 35 मैचों से हारी नहीं है अर्जेंटीना की टीम।
टीमः गोलकीपर: एमिलानो मार्टिनेज, फ्रेंको अरमानी, जेरोनीमो रूली, डिफेंडर: गोंजालो मोंटिएल, नाहुएल मोलिना, जर्मन पजेला, क्रिस्टियन रोमेरो, निकोलस ओटामेंडी, लिसांड्रो मार्टिनेज, जुआन फोयथ, निकोलस टेगलियाफिको, मार्कोस एकुना, मिडफील्डर: लीनड्रो पेरेडेज, गुईडो रोड्रिगेज, एंजो फर्नांडेज, रोड्रिगो डि पॉल, एक्सक्वेल पलासियोस,  एलजांड्रो गोमेज, एलेक्सिस मेक एलिस्टर, फॉरवर्ड: पाउलो डिबेला, लियोनल मेसी, एंजेल डि मारिया, निकोलस गोंजालेज, जोकिन कोरिआ, लाउतारो मार्टिनेज, जुलियन अलवरेज।
पुर्तगालः 7 गोल विश्वकप में 17 मैचों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने दागे हैं, 3 गोल करने के साथ ही रोनाल्डो पुर्तगाल के लिए विश्व कप में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बनेंगे, एक गोल करने के साथ ही रोनाल्डो पांच अलग-अलग विश्व कप में गोल करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन जाएंगे, 1966 में पुर्तगाल की टीम तीसरे स्थान पर रही थी और यह उसका विश्वकप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पुर्तगाल के कोच फर्नांडो सांतोस ने कहा कि मैंने जितने भी खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया है उनमें पुर्तगाल को विश्व चैम्पियन बनाने की जिद है। 
मजबूती: टीम के पास 37 वर्षीय क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। टीम को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। रोनाल्डो के अलावा टीम के पास जोआओ फेलिक्स भी हैं जो गोल करने का दमखम रखते हैं। टीम के पास अनुभवी गोलकीपर रुई पैट्रिको भी हैं जिन्होंने 2016 यूरो जीत में अच्छी भूमिका निभाई थी। मिडफील्ड में ब्रूनो फर्नांडीस और बर्नांडो सिल्वा गोल करने के मौके बनाने का कार्यभार संभालते हैं। 
कमजोरी: रोनाल्डो इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड के लिए खेलते हैं और इंग्लिश प्रीमियर लीग में वह अपनी खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। हाल ही में पुर्तगाल टीम की फॉर्म भी ज्यादा अच्छी नहीं रही है और क्वालीफाईंग दौर में उन्होंने तुर्की और उत्तरी मेसिडोनिया को हराकर टूर्नामेंट के लिए जगह बनाई थी। क्वालीफाईंग में टीम सर्बिया को हराकर दूसरे स्थान पर रही थी। हाल ही में टीम को नेशंस लीग में स्विट्जरलैंड और स्पेन से भी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। टीम की खराब फॉर्म उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है।
खेलने का तरीका: कोच फर्नांडो सांतोस ज्यादा डिफेंसिव होकर खेलने की रणनीति को नहीं अपनाते है। उनकी टीम क्वालीफाईंग दौर में आक्रामक होकर खेली थी। सांतोस हर टीम के खिलाफ एक अलग रणनीति बनाते हैं और उसके अनुरूप ही टीम खेलती है।
टीमः गोलकीपर: डिओगो कोस्टा, रुई पैट्रिको, जोस सा। डिफेंडर: डिओगो दलोट, जोआओ कैंसलो, डेनिलो परेरा, पेपे, रूबेन डायस, एंटोनियो सिल्वा, नूनो मेंडेस, राफेल गुएरेइरो, मिडफील्डर: रूबेन नेव्स, जोआओ पल्हिन्हा, विलियम कार्वाल्हो, ब्रूनो फर्नांडीस, विटिंहा, ओटावियो, जोआओ मारियो, मैथियस नून्स, बर्नांडो सिल्वा, फॉरवर्ड: राफेल लियो, जोआओ फेलिक्स, रिकाडरे होर्टा, गोंकालो रामोस, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, आंद्रे सिल्वा।

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