फरवरी में हफ्ते में पांच दिन प्रोटीन सप्लीमेंट ले रही थीं कमलप्रीत कौर
स्टेनोजोलोल का उपयोग पड़ा भारी, तीन साल का प्रतिबंध
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारत की सबसे बेहतरीन एथलीट में शामिल चक्का फेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया है। एथलेटिक्स इंटीग्रिटी इकाई ने डोपिंग के मामले में उन पर कार्रवाई की है। उन पर लगा प्रतिबंध 29 मार्च, 2022 से प्रभावी होगा और मार्च 2025 में खत्म होगा। इसी साल सात मार्च के दिन एआईयू ने पटियाला में कमलप्रीत की जांच की थी और उन्हें स्टेरॉयड पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद इसी साल मई में उन्हें अस्थाई रूप से निलम्बित किया गया था।
कमप्रीत के सैम्पल में स्टेनोजोलोल पाया गया था। यह एक विशिष्ट एनाबोलिक स्टेरॉयड है और विश्व एथलेटिक्स के अनुसार यह प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल है। एआईयू ने बयान में कहा ‘‘एआईयू ने भारत की कमलप्रीत कौर को प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी/इस्तेमाल करने पर 29 मार्च 2022 से तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया है। सात मार्च 2022 के बाद उन्होंने जिन भी प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, सभी में उनके नतीजे अमान्य होंगे।’’ कमलप्रीत ने अपने दूसरे सैम्पल की जांच कराने से इंकार कर दिया है। एआईयू ने कहा ‘‘11 अप्रैल, 2022 को कमलप्रीत ने कहा था कि जब तक खर्च में उनकी सहायता नहीं की जाती तब तक वह बी सैम्पल के आकलन या ए नमूने और/या बी नमूने के प्रयोगशाली दस्तावेजीकरण पैकेज की मांग नहीं करेंगी।’’
कमलप्रीत टोक्यो खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए छठे स्थान पर रही थीं। उन्होंने पिछले साल टोक्यो खेलों से पहले 65.06 मीटर दूर चक्का फेंक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने टोक्यो खेलों के दौरान क्वालीफाइंग दौर में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी जहां वह 63.70 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ सातवें स्थान पर रही थीं। यह किसी भारतीय खिलाड़ी का फील्ड स्पर्धाओं में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। छब्बीस साल की कमलप्रीत ने निजी प्रयोगशाला में चार सप्लीमेंट का आकलन कराया था और एक प्रोटीन सप्लीमेंट में ‘स्टेरॉयड के अंश’ मिले थे। उन्हें नई दिल्ली में राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में प्रोटीन सप्लीमेंट के परीक्षण की स्वीकृति मिली थी जिसमें स्टेनोजोलोल मिला था।
कमलप्रीत को इसके बाद बुलाया गया और उन्होंने कहा कि वह 10 से 15 फरवरी 2022 के आसपास से ट्रेनिंग के दिनों के दौरान हफ्ते में पांच दिन प्रोटीन सप्लीमेंट ले रही थी और उन्होंने डोप टेस्ट से दो दिन पहले भी ऐसा किया। हालांकि, वह यह स्पष्टीकरण नहीं दे पाईं कि उन्हें ये सप्लीमेंट कहां से मिले। एआईयू ने इसके बाद सात सितम्बर को उन्हें नोटिस दिया। कमलप्रीत ने एआईयू से नोटिस मिलने के 20 दिन के भीतर उल्लंघन की बात और साथ ही प्रस्तावित सजा स्वीकार कर ली और उनका प्रतिबंध चार साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया।