खेलों में योगी सरकार के विजन को पूरा करने सहगल ने कसी कमर
एक महीने में प्रशिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने के दिए निर्देश
नवनीत सहगल की कार्यशैली से खेल निदेशक झांक रहे बगलें
खेलपथ संवाद
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खेलों के विजन को पूरा करने को अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने कमर कस ली है। श्री सहगल प्रदेश के जिलों और मुख्यालयों में पहुंच कर जमीनी हकीकत से रूबरू हो रहे हैं। उनकी इस तत्परता से कई अधिकारियों की हवाइयां उड़ गई हैं। गुरुवार को उन्होंने राजधानी लखनऊ में समीक्षा बैठक ली और जवाबदेहों को एक महीने के अंदर प्रशिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने का बड़ा विजन सीनियर आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल को सौंपा गया है। यद्यपि उनके कार्यकाल के दिन बहुत कम बचे हैं लेकिन वह कम से कम समय में भी खेलों के उत्थान की दिशा में एक नजीर स्थापित करने को कमर कस चुके हैं। वह लगातार न केवल खेलों की वास्तविकता को जान रहे हैं बल्कि जहां कमी मिल रही है, वहां के जवाबदेहों को फटकार भी लगा रहे हैं। श्री सहगल की कार्यशैली से खेल निदेशक राम प्रकाश सिंह भी बगलें झांक रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने और खेलों के स्तर को सुधार कर विश्वस्तरीय बनाने का मन बनाए हुए हैं। अफसोस की बात है कि योगीजी की मंशा को फलीभूत करने की बजाय पिछले लगभग तीन साल से प्रदेश में प्रशिक्षक ही नहीं हैं। प्रदेश की बदहाल खेल स्थिति को देखते हुए योगी सरकार ने वरिष्ठ और बेहद अनुभवी आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल को खेल विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया है।
आईएएस नवनीत सहगल की कार्यशैली को देखते हुए उम्मीद है कि अब उत्तर प्रदेश में खेलों की स्थिति न केवल सुधरेगी बल्कि निकम्मे पदाधिकारियों पर गाज भी गिरेगी। पूर्व में देखें तो सहगल जब जिस भी विभाग में रहे वहां की स्थिति में सुधार जरूर हुआ। बात चाहे धर्मार्थ कार्य जैसे छोटे विभाग की रही हो अथवा खादी ग्रामोद्योग जैसे साधारण विभाग की। सहगल ने इन विभागों को शीर्ष स्तर तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में जब नवनीत सहगल को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग एवं खादी ग्रामोद्योग विभाग की जिम्मेदारी मिली तब तक इन विभागों की चर्चा कम ही होती थी। सहगल द्वारा इन विभागों को संभालने के बाद बनी ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना ने देश-विदेश में अपनी धाक जमायी। प्रदेश भर के हुनरमंदों को इससे बड़ा प्रोत्साहन मिला। योजना की लोकप्रियता इस स्तर तक पहुंची कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें रुचि लेकर इसे आगे बढ़ाने हेतु अधिकारियों को प्रेरित किया। प्रदेश के अनेक जनप्रतिनिधियों ने इस योजना को अपने क्षेत्र के विकास का माध्यम बनाया। मुख्यमंत्री के कार्यालय लोक भवन के स्वागत परिसर में योजना से सम्बन्धित प्रादेशिक उत्पादों को प्रदर्शित किया गया जो आज भी वहां देखे जा सकते हैं।
सहगल की कार्यशैली के मुरीद योगीजी ने शायद इसीलिए उन्हें खेल विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। सहगल के आने के बाद योगी सरकार के प्रयासों से खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल बदलाव होने तय हैं। खेल निदेशालय की तरफ से राज्य के कई जिलों में पहले ही नए खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के निर्देशों पर कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक स्टेडियम का निर्माण भी हो रहा है।
मेरठ में मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हॉस्टल, स्वीमिंग पूल व वेलोड्रम बनाये जा रहे हैं। कानपुर और वाराणसी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं। सरकार द्वारा क्रिकेट के अलावा ओलम्पिक से जुड़े खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सहगल के कार्यकाल में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु अंशकालिक व फुल टाइम प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ाए जाने की भी सम्भावना है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर इंटरनेशनल स्टेडियम अयोध्या का निरीक्षण करने गए थे। इस दौरान निर्माण कार्य में उन्हें कई प्रकार की खामियां मिलीं और उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। बाद में श्री सहगल ने बताया कि जल्द ही निर्माणाधीन स्टेडियम में खेल गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में खिलाड़ियों के बैठने और ठहरने की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है तथा स्टेडियम प्रांगण में स्वीमिंग पूल, बैडमिंटन, हैंडबॉल कोर्ट और एथलेटिक्स ट्रैक को जल्द तैयार कर लिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान नवनीत सहगल ने जिला क्रीड़ा अधिकारी से रिपोर्ट भी मांगी।
अपर मुख्य सचिव सहगल राजधानी लखनऊ में खेल संघ पदाधिकारियों के साथ भी बैठक कर चुके हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार की मंशा ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की है। बता दें कि नवनीत सहगल ने जब से अपर मुख्य सचिव खेल की कुर्सी संभाली है तभी से वह लगातार सभी जिलों में खेलों की सुविधाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा भी खेलों से जुड़ी सभी गतिविधियों पर उनकी नजर है। श्री सहगल जिस तरह टी-20 खेल रहे हैं उसका सकारात्मक असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है।