यौन शोषण के मामले में पूर्व कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा पर एफआईआर

पीड़िता ने तीन साल पहले देश के हर जवाबदेह से मांगा था इंसाफ
कोर्ट के आदेश के बाद गोला का मंदिर थाने में पंजीबद्ध हुआ प्रकरण  
ग्वालियर के एलएनआईपीई संस्थान की गरिमा हुई तार-तार
खेलपथ संवाद
ग्वालियर।
खेलों में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। जिन लोगों पर खेलों और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की जवाबदेही है वही बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ कर रहे हैं। हाल ही भारतीय ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष पर जहां एक राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी ने दुराचार का मामला दर्ज कराया है वहीं अब ग्वालियर के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के पूर्व  कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा सहित चार अन्य सहयोगियों पर भी अदालत के आदेश के बाद गोला का मंदिर थाने में एफआईआर दर्ज हुई है।
ग्वालियर के प्रतिष्ठित रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान यानी एलएनआईपीई के पूर्व कुलपति डॉक्टर दिलीप कुमार दुरेहा पर छेड़खानी का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पूर्व कुलपति सहित पांच लोगों के खिलाफ छेड़खानी एवं आपराधिक साजिश सहित धमकाने का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला शहर के गोला का मंदिर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। 
लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) के पूर्व कुलपति और वर्तमान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के खेल विभाग में पदस्थ दिलीप कुमार दुरेहा पर गोला का मंदिर पुलिस ने यौन शोषण के मामले में एफआईआर दर्ज की है। संस्थान की ही महिला योग अनुदेशक ने पूर्व कुलपति पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले में पूर्व कुलपति का सहयोग करने वाले चार अन्य लोगों पर भी एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें तत्कालीन निदेशक सहित चार कर्मचारी शामिल हैं। 
गोला का मंदिर पुलिस ने आईपीसी की धारा 354क, 509, 120बी यानी छेड़छाड़, अपशब्द कहने और आपराधिक षड्यंष करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। आरोप करीब तीन साल पहले लगाए गए थे। पीड़िता ने संस्थान से लेकर खेल मंत्रालय, पीएमओ, महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की। फिर मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
एलएनआईपीई में योग अनुदेशक के पद पर पदस्थ महिला ने 2019 में पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि पूर्व कुलपति का सहयोग तत्कालीन डायरेक्टर जनक सिंह शेखावत, याेग विभाग की एचओडी इंदु वोरा, सहायक अध्यापिका पायल दास, तत्कालीन समन्वयक विवेक पांडेय ने किया था। इस मामले की जब महिला ने शिकायत की तो संस्थान की जांच समिति ने आरोपों को झूठा बताया। फिर यह शिकायत खेल मंत्रालय पहुंची, तब उच्चस्तरीय समिति ने जांच की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा को दोषी पाया। इसी आधार पर महिला ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो कोर्ट में गुहार लगाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उमाकांत बैरागी ने इस मामले में गोला का मंदिर पुलिस को एफआईआर के आदेश दिए। एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा सहित पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई।
ग्वालियर के एलएनआईपीई की योगा टीचर के साथ कुलपति द्वारा की गई छेड़खानी के मामले में योगा टीचर ने तीन साल तक कड़ा संघर्ष किया और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से पूर्व कुलपति समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई। तीन साल के संघर्ष में योगा टीचर को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन उसने हार नहीं मानी। योगा टीचर के मजबूत दृढ़ संकल्प और जज्बे की वजह से तीन साल बाद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज हुई।
जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मार्च, 2019 से लगभग सात महीने तक महिला फैकल्टी के साथ कॉलेज में छेड़खानी की गई थी। महिला ने अपने स्तर पर इसकी शिकायत आंतरिक रुप से गठित समिति के सामने की थी लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई तथा पीड़िता को डराया-धमकाया भी गया था। इसके बाद महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। यहां भी उसे राहत नहीं मिली। तब उसने सुप्रीम कोर्ट में अपने मामले को लेकर याचिका दायर की। अब न्यायालय ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस थाना गोला का मंदिर को एफआईआर दर्ज कर दो सितम्बर तक उसकी कॉपी कोर्ट में पेश करने को कहा गया है। 

 

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