अब फर्जी खेल प्रमाण-पत्रों से नौकरी करने वालों की शामत

सॉफ्टवेयर करेगा इच्छुक उम्मीदवारों के खेल प्रमाणपत्रों का सत्यापन!
खेलपथ संवाद
मुंबई।
सरकारी नौकरियों को हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी खेल प्रमाण-पत्र जमा करना लम्बे समय से एक समस्या रही है, लेकिन अब इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करने और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) का यह सॉफ्टवेयर महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरियों के लिए आवेदन करते समय उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए खेल प्रमाण-पत्रों की प्रमाणिकता की पुष्टि करेगा। 
महाराष्ट्र के खेल आयुक्त ओमप्रकाश बकोरिया ने बताया, ‘सॉफ्टवेयर का परीक्षण अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।' महाराष्ट्र सरकार के सभी विभागों में कम से कम राज्यस्तरीय टूर्नामेंट जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत कोटा है। इस कोटे के तहत जमा किए गए खेल प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने की मौजूदा प्रक्रिया में काफी समय लगता है। राज्य खेल आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘खेल संगठनों द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र के डिजाइन और आकार का कोई मानक प्रारूप नहीं है। 
जांच अधिकारी के लिए ऐसे दस्तावेजों की वास्तविकता को कम समय में सत्यापित करना लगभग असम्भव है।' ऐसे मामले में भर्ती प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को एनआईसी सॉफ्टवेयर की बड़ी मदद मिलेगी। बकोरिया ने कहा, ‘समस्या को दूर करने के लिए एनआईसी की मदद ली गयी।' इस प्रक्रिया में खिलाड़ियों के प्रमाण पत्रों को एनआईसी के ‘क्लाउड स्टोरेज' मंच ‘मेघराज' पर अपलोड किया जायेगा। डेटा स्टोर करने की इसकी वर्तमान क्षमता 70 जीबी है और इसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम आठ अगस्त को नए सॉफ्टवेयर के साथ काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसके शुरू होने के बाद हर नए प्रमाण पत्र में एक क्यूआर कोड होगा। इसकी प्रमाणिकता की जांच के लिए इसे कहीं भी और किसी भी अधिकारी द्वारा स्कैन किया जा सकता है।' 

रिलेटेड पोस्ट्स