भारत के प्रज्ञानानंद ने सेमीफाइनल में जगह बनाई

चीन के वी यी को हराया, अब अनीश गिरि से सामना
नई दिल्ली।
भारत के युव ग्रांडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने चेसेबल मास्टर्स के फाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने मेल्टवाटर चैम्पियंस चेस टूर चेसेबल मास्टर्स में चीन के वी यी को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की है। अब उनका सामना नीदरलैंड के अनीश गिरी से होगा। 16 साल के प्रज्ञानानंद ने इसी टूर्नामेंट के पांचवें दौर में विश्व चैम्पियन मैगनस कार्लसन को हराकर सुर्खियां बटोरी थीं। 
यह दूसरा मौका था, जब उन्होंने विश्व चैंपियन को पराजित किया था। इससे 90 दिन पहले फरवरी के महीने में उन्होंने एयरथिंग्स मास्टर्स में कार्लसन को पहली बार हराया था। सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए प्रज्ञानानंद ने क्वार्टर फाइनल में वी यी के खिलाफ 2.5-1.5 के अंतर से जीत दर्ज की वहीं, कार्लसन ने स्पेन के डेविड एंटनो गुज्जरो को 2.5-0.5 के अंतर से हराया, जबकि अनीश गिरि ने नॉर्वे के आर्यन टोरी को 2.5-0.5 के अंतर से मात दी। सेमीफाइनल में कार्लसन का सामना लिरेन से होगा, जिन्होंने अजरबैजान के शखरियार ममेदयारोव को 2.5-1.5 के अंतर से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। 
शानदार शुरुआत के बाद हासिल की जीत 
क्वार्टर फाइनल मैच में वी यी के खिलाफ प्रज्ञानानंद ने शानदार शुरुआत की और पहला गेम काले मोहरों के साथ 90 चाल में जीता। उन्होंने दूसरे गेम में भी बढ़त कायम रखी और चार गेम के मैच में 2-0 की बढ़त बना ली। तीसरे गेम में चीनी खिलाड़ी ने वापसी की और प्रज्ञानानंद की बढ़त कम की। इसके बाद मैच का चौथा गेम ड्रॉ रहा और प्रज्ञानानंद ने 2.5-1.5 के अंतर से मैच अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही उन्होंने सेमीफाइनल में जगह बनाई। वो अनीस, कार्लसन और डिंग लिरेन के बाद चौथे स्थान पर रहे।  इस प्रतियोगिता में प्रज्ञानानंद के अलावा दो और भारतीय खिलाड़ी शामिल थे। पी हरिकृष्णा और गुजराती इस 16 खिलाड़ियों की प्रतियोगिता में शुरआती आठ खिलाड़ियों में जगह नहीं बना पाए और नॉकआउट दौर में नहीं पहुंच सके। 
12 साल की उम्र में बने ग्रैंडमास्टर 
प्रज्ञानानंदा ने 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल कर लिया था। वो भारत के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर हैं। वहीं, साल 2018 में वो दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर थे। उनसे पहले सिर्फ यूक्रेन के सिर्जी कर्जाकिन साल 1990 में सिर्फ 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे।

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