मथुरा के जिला क्रीड़ाधिकारी सुरेन्द्र पाल बमनिया निलम्बित

छुट्टी के दिन जांच होना चर्चा का विषय
खेलपथ संवाद
लखनऊ।
आखिरकार खेल निदेशक डॉ. राम प्रकाश सिंह के औचक निरीक्षण में मथुरा के मोहन पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम में मिली घोर अव्यवस्थाओं की गाज क्रीड़ाधिकारी सुरेंद्र पाल बमनियां के ऊपर गिर ही गई। खेल निदेशक ने उन्हें निलम्बित कर खेल निदेशालय से सम्बद्ध करते हुए उप निदेशक खेल आर.एन. सिंह को जांच के निर्देश दिए हैं। फिलहाल इस मामले में खेल निदेशक का अवकाश के दिन स्टेडियम का निरीक्षण करना जरूर चर्चा का विषय बना हुआ है। 
गौरतलब है कि खेल निदेशक डॉ. राम प्रकाश सिंह ने बुद्ध पूर्णिमा यानि सोमवार को मथुरा के मोहन पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम का औचक निरीक्षण किया था। उन्हें स्टे़डियम में खामियां ही खामियां नजर आईं। बकौल खेल निदेशक उन्होंने क्रीड़ाधिकारी को एक अप्रैल से तरणताल खोलने के आदेश दिए थे पर उसमें घास और काई जमा थी। कैश-बुक में अर्से से इंट्री नहीं की गयी। साथ ही मथुरा के जिला क्रीड़ा अधिकारी सुरेन्द्र पाल बमनिया तीन-चार दिन से बिना बताए गायब थे। औचक निरीक्षण पर जब खेल निदेशक वहां पहुंचे तो यह अव्यवस्थाएं और अनिमितताएं मिलीं। निरीक्षण में खेल निदेशक ने जिला क्रीड़ाधिकारी को शासकीय धन की क्षति हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाया है। उन्होंने लखनऊ पहुंचते ही सुरेंद्र पाल बमनिया को निलम्बित कर दिया है।
खेल निदेशक डॉ. राम प्रकाश सिंह को तरणताल में घास उगी मिली तथा कूड़ा-कचरा भरा मिला। डारमेट्री किसी मलिन बस्ती में स्थापित रैन बसेरे की तरह थी तो वेटिलिफ्टिंग हॉल और शौचालय ऐसे लग रहे थे जैसे वर्षों से सफाई नहीं हुई हो। पिछली 30 अप्रैल से कैशबुक में कोई इंट्री नहीं की गयी। क्रीड़ाधिकारी बमनिया के घर पर सुबह-शाम एसी चलता है लेकिन वह बिल सिर्फ 200 रुपये जमा कर रहे थे। वह तीन दिन से किसी को बताए बिना कार्यालय से गायब थे जबकि जिला कार्यालय छोड़ने के लिए उन्हें उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी जरूरी है।
जो भी हो खेल निदेशक ने सुरेन्द्र पाल बमनिया को भारी अव्यवस्थाओं के कारण तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। निलम्बन अवधि में वह खेल निदेशालय से सम्बद्ध रहेंगे। बमनिया के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी उप-निदेशक खेल आर.एन. सिंह को बनाया गया है, जिन्हें एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट देनी होगी। मथुरा के मोहन पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम के निरीक्षण के दौरान खेल निदेशक डॉ. राम प्रकाश सिंह के साथ क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सुनील कुमार जोशी, जिला क्रीड़ा अधिकारी आगरा अरविंद यादव तथा कोच राममिलन भी थे।
...तो क्या प्रदेश के दूसरे बदहाल क्रीड़ांगनों का भी होगा निरीक्षण
मथुरा के मोहन पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम के निरीक्षण के दौरान मिली खामियों के बाद खेल निदेशक ने जिस तरह त्वरित कार्रवाई की है, वह प्रशंसनीय है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वह उत्तर प्रदेश के दूसरे बदहाल क्रीड़ांगनों की भी सुधि लेंगे क्योंकि प्रदेश के अधिकांश क्रीड़ांगन डलाब घर में तब्दील हो चुके हैं। यहां तक कि राजधानी लखनऊ सहित दूसरे जिलों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं कही जा सकती। अधिकारी बिना खेल निदेशालय से अवकाश लिए गायब रहते हैं।  

 

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