हरियाणा में पदक लाओ, पद पाओ पॉलिसी फिर बहाल

खिलाड़ियों के भारी विरोध के बाद हरियाणा सरकार ने लिया निर्णय
खेलपथ संवाद
चण्डीगढ़।
खिलाड़ियों के आक्रोश और राज्य भर में बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अपने निर्णय को वापस लेते हुए पदक लाओ, पद पाओ पॉलिसी को फिर बहाल कर दिया है। अब हरियाणा में पदकवीरों को पहले की तरह नौकरी मिलती रहेंगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों को नौकरी के लिए तीन प्रतिशत कोटा बहाल कर दिया है। यह फैसला गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह के अलावा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। हरियाणा सरकार की ओर से पिछले दिनों एक पत्र जारी कर खिलाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत का कोटा समाप्त कर दिया गया था। इस मामले को लेकर प्रदेश के तमाम विपक्षी दल तथा खिलाड़ी सरकार को घेर रहे थे।
इसी बीच चंडीगढ़ में चली मैराथन बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत कोटा बहाल कर दिया। तृतीय श्रेणी की कुल नौकरियों में तीन प्रतिशत की दर से आरक्षण जारी रखने का निर्णय लिया है, जबकि ग्रुप डी की नौकरियों के लिए खेल कोटा के लिए 10 प्रतिशत की दर से आरक्षण पहले से ही जारी है। ग्रुप सी में खिलाड़ियों को विभाग चुनने का मौका भी अब सरकार देगी। 
इस संबंध में कहा गया, 'हरियाणा सरकार अपने ‘पदक लाओ-पद पाओ’ के नारे के साथ आगे बढ़ते हुए खेल विभाग की उत्कृष्ट खिलाड़ी रोजगार नीति के तहत श्रेणी-ए, बी, सी के पदों पर सीधे नौकरी देती रहेगी।' इसके साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा खेल संघों से परिणामों का डाटा ऑनलाइन मंगवाने का निर्णय भी लिया गया है। विभिन्न खेल संघों से पिछले 10 साल तक की प्रतियोगिताओं के परिणाम मंगवाकर प्रतिभागिता करने वाले खिलाड़ियों का डाटा पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा। 
इसके अतिरिक्त भविष्य में खेल संघों को प्रतियोगिता के 15 दिन के भीतर परिणाम खेल विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे पोर्टल पर अपलोड करना होगा ताकि बाद में किसी प्रकार के बदलाव की गुंजाइश न रहे। इससे केवल पात्र व योग्य खिलाड़ियों को ही हरियाणा सरकार की लाभकारी योजनाओं व आरक्षण आदि का लाभ मिल पाना सुनिश्चित किया जा सकेगा। 
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि हर जिले में श्रेणी-क का एक पद 'जिला खेल मैनेजर' के नाम से सृजित किया जाएगा। इन पदों पर स्नातकोत्तर व खेल प्रबंधन में शैक्षणिक योग्यता व अनुभव रखने वाले युवाओं की सीधी भर्ती की जाएगी। बता दें कि वर्ष 2018 से अब तक 19 खिलाड़ियों को श्रेणी-ए, 30 खिलाड़ियों को श्रेणी-बी व 63 खिलाड़ियों को श्रेणी-सी के पदों पर बिना किसी परीक्षा और साक्षात्कार के नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त श्रेणी सी में 396 खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है।

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