महिला हॉकी की उत्कृष्ट पाठशाला एमपी एकेडमी ग्वालियर
सुबह और शाम हॉकी बेटियां करतीं कौशल निखारने का काम
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। देश में महिला हॉकी का कभी गढ़ रहे हरियाणा, उड़ीसा, झारखण्ड को यदि अब कहीं से कड़ी चुनौती मिल रही है तो वह कोई और नहीं बल्कि ग्वालियर में संचालित मध्य प्रदेश राज्य महिला हॉकी एकेडमी है। जिला खेल परिसर कम्पू ग्वालियर में सुबह-शाम हॉकी बेटियां अपने मुख्य प्रशिक्षक परमजीत सिंह बरार और वंदना उइके की देखरेख में न केवल अपना कौशल निखारती हैं बल्कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मध्य प्रदेश का गौरव भी बढ़ाती हैं।
हॉकी की इस उत्कृष्ट पाठशाला में एक से बढ़कर एक बेजोड़ प्रतिभाएं हैं। सर्वसुविधायुक्त एकेडमी के दो कृत्रिम हॉकी मैदानों में बेटियों की जीतोड़ मेहनत और स्किल को जो भी देखता है वह ताली पीटे बिना नहीं रह पाता। इस एकेडमी ने देश को विभिन्न आयु वर्गों में अब तक जहां 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दी हैं वहीं यहां प्रशिक्षित लगभग एक सैकड़ा बेटियां शासकीय सेवा हासिल करने के बाद अपने-अपने विभागों को अपने प्रदर्शन से गौरवान्वित कर रही हैं।
एकेडमी की बेटियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसकी फिक्र मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी करती रहती हैं। 2006 में स्थापित इस एकेडमी की बेटियां विभिन्न आयु वर्गों में अब तक दर्जनों राष्ट्रीय हॉकी खिताब जीत चुकी हैं। डेढ़ दशक में इस एकेडमी ने राष्ट्रीय स्तर पर जो पहचान बनाई है, वह बेमिसाल है। एक समय था जब महिला हॉकी खिलाड़ियों से मध्य प्रदेश वीरान नजर आता था लेकिन आज इसे मजबूत हॉकी बेटियों का गढ़ माना जाता है। इस एकेडमी में हर वह सुविधा उपलब्ध है जोकि खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए।