आरिफ खान ने कश्मीरी युवाओं को दिखाई नई राह

कश्मीरी परिवार के युवा स्कीइंग शुरू करने को बेताब
आरिफ चार विश्व चैम्पियनशिप में शिरकत कर चुके हैं
खेलपथ संवाद
जम्मू।
कश्मीरी युवा इन दिनों स्कीइंग शुरू करने को बेता हैं। आरिफ मुहम्मद खान महज चार साल के साल के थे जब उन्होंने गुलमर्ग की बर्फ पर स्कीइंग शुरू की। समझदार हुए तो एक ही सपना देखने लगे कि इस बर्फीले खेल की इतनी ऊंचाईयां छुएं कि अशांत कश्मीरी युवाओं और अगली पीढ़ी की प्रेरणा बन सकें। 31 साल की उम्र में बीजिंग विंटर ओलम्पिक का टिकट हासिल करने के बाद आरिफ वाकई कश्मीरी युवाओं की राह बन गए हैं।
आरिफ को खुशी है कि कई कश्मीरी परिवारों ने अपने बच्चों को स्कीइंग शुरू कराने के लिए उनसे और उनके परिवार से सम्पर्क किया है। आरिफ को गर्व है कि वह देश के 135 करोड़ लोगों की पहचान बनकर बीजिंग विंटर ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधत्व करने वाले इकलौते कश्मीरी बनकर जा रहे हैं। यही कारण है कि आरिफ ने बीजिंग में देश के झंडे तिरंगे की पोशाक में उतरने का फैसला लिया है।
आरिफ ने चार से 20 फरवरी को होने वाले विंटर ओलम्पिक के लिए अल्पाइन स्कीइंग की स्लालम और जाइंट स्लालम इवेंटों के लिए सीधे क्वालीफाई किया है। ऐसा करने वाले वह देश के पहले स्कीयर हैं। आरिफ ऑस्ट्रिया से तैयारियां कर तीन दिन पहले ही कश्मीर लौटे हैं। आरिफ कहते हैं कि वह दो फरवरी को दिल्ली से बीजिंग रवाना होंगे। तब तक वह गुलमर्ग में तैयारियां करेंगे। 
कश्मीर पहुंचने पर आरिफ लोगों के प्यार से अभिभूत हैं। वह भावुक होकर बताते हैं कि उनसे कश्मीर में कहा गया कि उनकी मेहनत उन लोगों की शान बन गई है। कश्मीर के युवाओं और आने वाली पीढ़ी के लिए वह गौरव बन गए हैं। आरिफ खुलासा करते हैं कि स्कीइंग भारत में सिर्फ कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में होती है और तीनों ही जगहों से उन्होंने भारी संख्या में स्कीइंग शुरू करने के लिए संदेश आ रहे हैं। 
आरिफ के मुताबिक जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर मनोज सिन्हा पिछले एक साल से उनकी प्रेरणा बन गए हैं। कल ही उन्होंने अपने आवास पर बुलाकर उन्हें बीजिंग में कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित किया। वह खेलों की बेहतरीन स्कीम, ईनाम लेकर आए हैं। इससे युवा खेलों को अपना रहे हैं।
आरिफ चार विश्व चैम्पियनशिप में शिरकत कर चुके हैं। 2018 के विंटर ओलम्पिक में क्वालीफाई करने की वह दहलीज पर थे। उन्हें बस एक इवेंट खेलनी थी, लेकिन उनके पास पैसा नहीं था। उन्होंने लोगों से पैसा जुटाया पिता के व्यापार का सारा पैसा लगाया। बावजूद इसके वह पूरी राशि नहीं जुटा पाए और क्वालीफाई करने से रह गए। वह समय उन्हें नहीं भूलता है। विंटर ओलम्पिक में खेलने के लिए आरिफ ने अपनी शादी भी रोक दी। उनकी शादी कुछ माह पहले होने थी। आरिफ बताते हैं कि उन्होंने अपनी मंगेतर और ससुराल वालों को समझाया। वह मान गए, लेकिन विंटर ओलम्पिक के बाद वह शादी करेंगे। इसे और ज्यादा नहीं रोक सकते हैं।

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