मुश्किलें भी नहीं रोक पाईं शुमायला जावेद के कदम

अमरोहा के जिलाधिकारी बी.के. त्रिपाठी की नजर में खिलाड़ी सर्वोपरि
श्रीप्रकाश शुक्ला
अमरोहा।
रामपाल सिंह, शुमायला जावेद और ममता चौधरी के लिए उम्र सिर्फ आंकड़ा है। असल जिन्दगी तो इनका जोश और जुनून है, जिसके दम पर इन्होंने वाराणसी में हुई तीसरी राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मेडल जीतकर न केवल जिले का गौरव बढ़ाया बल्कि जिलाधिकारी बी.के. त्रिपाठी को भी पुलकित कर दिया। श्री त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे डीएम हैं जिन्होंने तत्काल इन तीनों खिलाड़ियों का न केवल सम्मान किया बल्कि कहा खिलाड़ी उनकी नजर में सर्वोपरि है क्योंकि वही दुनिया में देश का गौरव बढ़ाता है।
जिलाधिकारी श्री त्रिपाठी की इस शुचिता और सोच की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। इस प्रतियोगिता में तीन तलाक का दंश झेल रही शुमायला जावेद ने 100 मीटर दौड़ में स्वर्णिम सफलता हासिल कर यह संदेश दिया कि मुश्किलें उनकी सफलता की राह नहीं रोक सकतीं। जिलाधिकारी श्री त्रिपाठी की खिलाड़ियों के प्रति उदारता को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि शुमायला जावेद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा और पत्र के बाद अब सरकारी नौकरी में जरूर मदद मिल सकती है। गौरतलब है कि खराब सिस्टम की वजह से तीन साल बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी महिलाओं को तत्काल नौकरी देने की बात कही थी। पति के तलाक के बाद शुमायला अपनी बेटी के साथ मायके में रह रही हैं।
खैर, हम आपको बता दें कि अमरोहा जनपद के कलेक्ट्रेट परिसर के अपने कक्ष में शुक्रवार को डीएम बी.के. त्रिपाठी ने तीनों खिलाड़ियों का सम्मान किया। इन तीनों खिलाड़ियों ने कुछ दिन पहले वाराणसी में हुई तीसरी राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मेडलों से अपने गले सजाए थे। इन खिलाड़ियों में अमरोहा नगर की शुमाइला जावेद, नौगांवा सादात क्षेत्र के गांव मोहम्मदी माफी के बुजुर्ग रामपाल सिंह और आवास विकास कॉलोनी की ममता चौधरी शामिल हैं। सब कुछ सामान्य रहा तो ये तीनों एथलीट जापान के टोक्यो शहर में होने वाली इंटरनेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स स्पर्धा में शिरकत करते हुए अपने शानदार प्रदर्शन से अमरोहा (उत्तर प्रदेश) और देश का नाम जरूर रोशन करेंगे।

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