नीरज ने तिल का ताड़ न बनाने की गुजारिश की

मामला नीरज का भाला नदीम के पास मिलने का
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक में भारत को एथलेटिक्स में गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा बेहद नाराज हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। नीरज ने गुरुवार को कहा कि मेरी आप सभी से विनती है की मेरे कमेंट्स को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाएं। स्पोर्ट्स हम सबको एकजूट होकर साथ रहना सिखाता है और कमेंट करने से पहले खेल के रूल्स जानना जरूरी होता है। 
नीरज की नाराजगी उस बात को लेकर है जिसमें उनकी बात पर लोगों ने पाकिस्तानी भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया। दरअसल कुछ दिन पहले सम्पन्न हुए टोक्यो ओलम्पिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने जेवलिन थ्रो में 87.58 मीटर भाला फेंक कर भारत को पहली बार एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जिताया था। नीरज भारत के ओलम्पिक इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट हैं।
फाइनल मुकाबले में नीरज के लिेए सब कुछ ठीक नहीं था। जब वह मुकाबले के लिए तैयार हुए तो उनका भाला नहीं मिल रहा था। दरअसल उस समय नीरज का जेवलिन पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम के पास था। इस बात का खुलासा खुद गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने किया। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में नीरज ने कहा, फाइनल से पहले मैं अपने जेवलिन की खोज कर रहा था, लेकिन मुझे यह नहीं मिला, अचानक मैंने देखा कि अरशद नदीम मेरी ओर मेरा भाला लेकर आ रहे हैं, तब मैंने उनसे कहा, भाई यह भाला मुझे दे दो क्योंकि यह मेरा जेवलिन है, मुझे इसी के साथ थ्रो करना है, तब अरशद ने मुझे मेरा भाला वापस किया। इसलिए आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो जल्दबाजी में किया। 
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा, 'अरशद नदीम ने क्वालीफाइंग दौर के अलावा वास्तव में फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान के लिए अच्छा संकेत है, वे जेवलिन थ्रो में और अधिक रुचि दिखाएं। टोक्यो ओलम्पिक में अरशद नदीम पदक के दावेदार थे। लेकिन फाइनल में 84.62 मीटर का थ्रो उनके मेडल दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। इससे पहले उन्होंने फाइनल के लिेए 85.16 मीटर भाला फेंक कर क्वालीफाई किया था। अरशद नदीम भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श मानते हैं। वह पहले पाकिस्तान के एथलीट हैं  जिन्होंने ट्रैक और फील्ड स्पर्धा के किसी भी इवेंट में ओलंपिक में फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

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