मेरी रनों की भूख अब भी जस की तसः मिताली राज

महिला क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज ने कहा
वार्सेस्टर।
भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा कि उनकी रन बनाने की भूख अब भी वैसी ही है जैसे 22 साल पहले हुआ करती थी और वह अगले साल न्यूजीलैंड में होने वाले वनडे विश्व कप के लिये अपनी बल्लेबाजी को नये मुकाम पर ले जाने की कोशिश कर रही हैं। 
मिताली की 89 गेंदों पर नाबाद 75 रन की पारी से भारत ने शनिवार को तीसरे और अंतिम वनडे में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया। इस पारी के दौरान मिताली महिला क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज भी बनीं। आयरलैंड के खिलाफ 26 जून 1999 को मिल्टन केयेन्स में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाली मिताली ने कहा, ‘‘जिस तरह से चीजें आगे बढ़ी हैं, यह यात्रा आसान नहीं रही। इसकी अपनी परीक्षाएं और चुनौतियां थी। 
मेरा हमेशा मानना रहा है कि परीक्षाओं का कोई उद्देश्य होता है।' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा भी समय आया जब विभिन्न कारणों से मुझे लगा कि अब बहुत हो चुका लेकिन कोई ऐसी चीज थी जिससे मैं खेलती रही और अब मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 22 साल हो गये हैं लेकिन रनों की भूख अब भी कम नहीं हुई हैं। उन्होंने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे अंदर अब भी वही जुनून है। मैदान पर उतरकर भारत के लिये मैच जीतना। जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है तो मुझे लगता है कि इसमें अब भी सुधार की संभावना है और इस पर मैं काम कर रही हूं। कुछ ऐसे आयाम हैं जिन्हें मैं अपनी बल्लेबाजी में जोड़ना चाहती हूं।'
मिताली ने 2019 में ही टी20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और वह पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि न्यूजीलैंड में चार मार्च से तीन अप्रैल 2022 के बीच होने वाला महिला विश्व कप उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। यह 38 वर्षीय खिलाड़ी बल्लेबाजी में अपनी भूमिका निभाने के साथ अन्य खिलाड़ियों के लिये मार्गदर्शक की भूमिका का पूरा आनंद उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी हमेशा टीम में मेरे लिये मुख्य भूमिका रही है। ऐसी भूमिका जिसे वर्षों पहले मुझे सौंप दिया गया था। बल्लेबाजी इकाई की जिम्मेदारी संभालना और पारी संवारना।' 
मिताली ने कहा, ‘‘लक्ष्य का पीछा करते हुए अन्य बल्लेबाजों के साथ पारी संवारने के लिये आपके सामने बेहतर तस्वीर होती है। मैं खेल पर नियंत्रण बनाये रखने में सक्षम हूं। इससे मुझे और टीम की अन्य युवा लड़कियों को फायदा मिलता है। इससे जब आप क्रीज पर होते हैं तो टीम को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। ''

 

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