लिएंडर पेस रिकॉर्ड आठवां ओलम्पिक खेलने को तैयार

कहा- भारत का नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहता हूं
नई दिल्ली।
भारतीय टेनिस दिग्गज लिएंडर पेस ने कहा है कि वे टोक्यो ओलम्पिक के लिए जमकर मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने रिकॉर्ड आठवें ओलम्पिक को यादगार बनाना चाहते हैं। बता दें कि पेस भारत के लिए सा ओलम्पिक खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। 2021 में वे अपने आठवें ओलम्पिक में उतरेंगे। ये उनका आखिरी ओलम्पिक भी होगा। उन्होंने कहा कि वे भारत का नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहते हैं।
पेस ने मोटो-वोल्ट मोबिलिटी स्मार्ट ई-साइकिल्स के लॉन्चिंग इवेंट में कहा, 'किसी को भी नहीं पता था 2020 में कोरोना जैसा भी कुछ होने वाला है। इसने हम सभी को खुद के अंदर झांकने पर मजबूर किया है। हालांकि मैं इतना लम्बा ब्रेक पाकर बेहद खुश हूं। मुझे कोई शक नहीं है कि आने वाले साल के लिए मैं खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।'
पेस ने कहा, 'मेरे लिए ये बेहद जरूरी है कि भारत का नाम इतिहास के पन्नों में लिखा जाए। इसलिए मैंने 30 साल तक खेलना जारी रखा। मेरे पास पहले ही सात ओलम्पिक खेलने का रिकॉर्ड है और अगर मैं आठ ओलम्पिक खेलता हूं, तो मुझे विश्वास है कि भारत का नाम ओलम्पिक इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो जाएगा कि किसी भारतीय ने आठ ओलम्पिक खेले हैं। मैं बस टोक्यो ओलम्पिक का इंतजार कर रहा हूं।'
पेस ने कहा, 'मैं ओलम्पिक के लिए बहुत मेहनत कर रहा हूं। इसलिए नहीं कि सिर्फ इसमें हिस्सा ले सकूं, बल्कि ओलम्पिक में जीतने के लिए मेहनत कर रहा हूं। मैंने हमेशा जीतने के लिए खेला है। उम्र बस एक नंबर है। टेनिस में उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके लिए पावर और स्पिन की जरूरत होती है। इस खेल के लिए यही जरूरी है।'
ये पूछे जाने पर कि ओलम्पिक में किस जोड़ीदार के साथ उतरना पसंद करेंगे? पेस ने कहा कि उन्हें जोड़ीदार से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'मुझे बस देश से मतलब है और अगर देश आठवें ओलम्पिक में उतरने का रिकॉर्ड बनाता है, तो उससे बड़ा कुछ नहीं है। मैं रोहन बोपन्ना, दीविज शरण और अंकिता रैना किसी के साथ भी खेलने को तैयार हूं। मैंने इससे पहले भी ओलम्पिक में महेश भूपति, रोहन और सानिया के साथ खेला है। मैंने जो भी किया अपने देश के लिए किया, अपने समुदाय के लिए किया है।'
18 ग्रैंड स्लेम विजेता लिएंडर पेस ने कहा कि वह अपना 100वां ग्रैंड स्लैम खेलने का रिकॉर्ड भी बनाना चाहते हैं। वे अब तक 97 ग्रैंड स्लैम खेल चुके हैं। उन्होंने कहा, 'मैं तब तक आराम नहीं करूंगा, जब तक मैं वर्ल्ड रिकॉर्ड न बना दूं। डेविस कप, ओलम्पिक और 100 ग्रैंड स्लैम में खेलने का भी रिकॉर्ड बनाना चाहता हूं। मैं बस ग्रैंड स्लैम कैलेंडर आने का इंतजार कर रहा हूं। मैं चाहता हूं कि जल्दी से कोरोना की वैक्सीन आए ताकि हम अपने नॉर्मल लाइफ में वापस आ सकें।'
47 साल के पेस के नाम ओलम्पिक में टेनिस इवेंट में पहला और आखिरी मेडल जीतने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 1996 अटलांटा ओलम्पिक में टेनिस में सिंगल्स इवेंट में भारत के लिए पहला मेडल जीता था। इसके बाद कोई भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी ओलम्पिक में मेडल नहीं जीत सका वहीं उनके नाम डेविस कप में डबल्स में सबसे ज्यादा डबल्स मैच जीतने का भी रिकॉर्ड है।
लिएंडर ने अपना पहला ओलम्पिक बार्सिलोना में 1992 में खेला था। वे रमेश कृष्णन के साथ मेन्स डबल्स के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। लिएंडर ने पहला ग्रैंड स्लैम मैच 1993 में खेला था। वे विम्बल्डन में लॉरेंस टिलमैन के जोड़ीदार बने थे। 1996 के अटलांटा ओलम्पिक में लिएंडर टेनिस के सिंगल्स इवेंट में कोर्ट में उतरे थे। उन्होंने टूर्नामेंट में सबको चौंकाते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। जहां उन्हें उस वक्त के वर्ल्ड नंबर-1 आंद्रे अगासी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद ब्रॉन्ज मेडल के मैच में लिएंडर ने ब्राजील के फर्नांडो मेलिगेनी को हराया था। पेस ने पिछले साल क्रिसमस के मौके पर 2020 टोक्यो ओलम्पिक के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी। हालांकि, कोरोना की वजह से इसे एक साल आगे बढ़ा दिया गया।

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