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भारत की पहली महिला बॉक्सिंग चीफ कोच अमनप्रीत कौर

खेलपथ प्रतिनिधि

नई दिल्ली। सफलता सिर्फ सपने देखने से नहीं मिलती अपितु उसके लिए जीतोड़ मेहनत करनी होती है। कभी बाक्सिंग में ओलम्पिक मेडल जीतने का सपना देखने वाली अमनप्रीत कौर आज देश की बाक्सर बेटियों में तकनीक के साथ-साथ हौसला भी भर रही हैं। अमनप्रीत कौर देश की पहली महिला मुक्केबाजी प्रशिक्षक हैं।

दो साल पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने जगाधरी निवासी अमनप्रीत कौर को भारत की पहली महिला बॉक्सिंग चीफ कोच घोषित किया था। तब इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने अमनप्रीत को “स्टार टू कोच” के पद से नवाजा था। आज अमनप्रीत कौर रोहतक इंटरनेशनल बाक्सिंग एकेडमी में महिला बॉक्सिंग खिलाड़ी तैयार कर रही हैं। बता दें कि अमनप्रीत 2003 से सीनियर वूमेन की कोच रही हैं। वह खिलाड़ियों को लेकर यूक्रेन गई थीं। वहां सोनिया ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था।

दिसम्बर 2017 में उनकी टीम ने यूक्रेन में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए 4 गोल्ड,  2 सिल्वर, 2 ब्रांज मेडल जीते। जनवरी 2018 में साइबेरिया में 7वीं इंटरनेशनल जूनियर चैंपियनशिप में 13 मेडल भारत के लिए जीते। इसमें 8 गोल्ड, 3 सिल्वर, 2 ब्रांज शामिल थे। ऐसा पहली बार हुआ था कि जूनियर टीम ने 13 मेडल जीतते हुए ट्रॉफी पर भारत का डंका बजाया था। इससे पहले भारतीय टीम ने ट्रॉफी नहीं जीती थी।

अमनप्रीत कौर का बचपन से ही सपना था कि वह बॉक्सिंग प्लेयर बनें। इसके लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत की। अमनप्रीत कौर जगाधरी की रहने वाली हैं पर उनका जन्म छछरौली में 1981 में अपने नाना के घर हुआ। यहीं से बॉक्सिंग की प्रैक्टिस शुरू की। साल 2001 में उन्होंने नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में पहला मेडल जीता था। उनके पति बॉक्सिंग के इंटरनेशनल कोच हैं।

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