प्रीति का सपना, स्वर्ण पदक हो अपना

खेलपथ प्रतिनिधि

नई दिल्ली। बलिया की बेटी प्रीति यादव भुवनेश्वर में चल रहे पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी 400 मीटर हर्डल्स में स्वर्णिम सफलता हासिल करने को तैयार है। प्रीति की जहां तक बात है गुरबत से निकल कर यह बेटी उस मुकाम को छूना चाहती है, जिसे अतीत में पी.टी. ऊषा ने हासिल किया था। यह साल प्रीति के लिए विशेष रहा है। मूलतः उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली प्रीति इस साल अब तक आल इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों के साथ ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्णिम सफलता हासिल कर चुकी हैं। भुवनेश्वर में भी इस बेटी से स्वर्णिम सफलता की उम्मीद है।

प्रीति यादव भुवनेश्वर में चल रहे पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की 400 मीटर हर्डल्स स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता हासिल कर जीत की हैटट्रिक लगाना चाहती हैं। प्रीति का कहना है कि वह भुवनेश्वर में भी स्वर्ण पदक जीतना चाहती हैं। नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आगरा के नरेश यादव से प्रशिक्षण हासिल करने वाली प्रीति अपनी तैयारियों से संतुष्ट हैं। बकौल प्रीति वह बिल्कुल फिट हैं तथा एक और स्वर्ण पदक जीतकर अपने माता-पिता के सपनों को साकार करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। 29 फरवरी शनिवार को अपराह्न तीन बजे प्रीति यादव 400 मीटर हर्डल्स में शिरकत करेंगी।    

 

 

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