गेंदबाजों को छोटे स्कोर का बचाव करना सीखना होगा : रोहित

भारत के कार्यवाहक कप्तान रोहित शर्मा ने टी20 विश्व कप से पहले अपने गेंदबाजों को आगाह किया है कि अगर टीम को अगले साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसे छोटे स्कोर का बचाव करना सीखना होगा। भारत ने पहले टी20 अंतर्राष्ट्रीय में बांग्लादेश को 149 रन का लक्ष्य दिया था और रोहित के अनुसार परिस्थितियों को देखते हुए इसका बचाव किया जा सकता था लेकिन मैदान पर की गयी कुछ गलतियों के कारण टीम को अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहली बार हार का सामना करना पड़ा। रोहित ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इस स्कोर का बचाव किया जा सकता था लेकिन हमने क्षेत्ररक्षण के दौरान गलतियां की। हमारे खिलाड़ी थोड़ा अनुभवहीन है और वे इससे सबक लेंगे। शायद अगली बार वे ये गलतियां न करें।’
पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर नहीं बनाना और फिर अपने अपेक्षाकृत छोटे स्कोर का बचाव नहीं कर पाना भारतीय टीम की कमजोरी बनती जा रही है। भारत जिन पिछले 7 टी20 में स्कोर का बचाव करने उतरा उनमें से 5 में उसे नाकामी हाथ लगी। भारत इस मैच में 2 तेज गेंदबाजों दीपक चाहर और खलील अहमद तथा 3 स्पिनरों युजवेंद्र चहल, कृणाल पंड्या और वाशिंगटन सुंदर के साथ उतरा था। चहल को छोड़कर कोई भी अन्य गेंदबाज बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाया। रोहित ने कहा, ‘ये खिलाड़ी पिछले कुछ समय से हमारे लिये इस प्रारूप में खेल रहे हैं। खलील हैं और दीपक भी हैं। शार्दुल (ठाकुर) अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। वे अच्छा प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हें सीखना होगा कि स्कोर का बचाव कैसे करना है। उन्हें रणनीति के अनुसार गेंदबाजी करनी होगी। इस तरह के मैच में खेलने से उन्हें सीख मिलेगी।’ उन्होंने कहा, ‘चहल इस टीम के लिये अहम खिलाड़ी हैं और उसने दिखाया कि बीच के ओवरों में जब बल्लेबाज जमे हुए थे तब वह कितना महत्वपूर्ण है। वह अच्छी तरह से समझता है कि उसे क्या करना है और इससे कप्तान के लिये भी काम थोड़ा आसान हो जाता है।’ भारतीय कप्तान ने इसके साथ ही स्वीकार किया कि बल्लेबाजी में अच्छी शुरुआत नहीं मिलने से टीम पर दबाव बना। रोहित ने कहा, ‘हमने शुरुआती ओवर में ही विकेट गंवा दिया था जिसके बाद पारी संवारना आसान नहीं होता है। पिच नरम थी और इस पर शॉट मारना आसान नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘हमने फैसला किया था कि अगर हम पहले बल्लेबाजी करते हैं तो हमें 140-50 रन तक पहुंचना होगा क्योंकि हमने पहले भी देखा है कि इस तरह की पिचों पर ऐसे स्कोर का बचाव किया जा सकता है। आज भी हमने 148 रन बनाये और यह अच्छा स्कोर था।’ भारत का क्षेत्ररक्षण भी अच्छा नहीं रहा। पंड्या ने 18वें ओवर में बांग्लादेश की जीत के नायक मुशफिकुर रहीम का आसान कैच छोड़ा जो कि आखिर में काफी महंगा साबित हुआ। इसके अलावा मैदान पर कुछ फैसले भी टीम के खिलाफ गये। रोहित ने कहा, ‘हमने क्षेत्ररक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन नहीं किया। हमने मैदान पर कुछ फैसले अच्छे नहीं किये जो कि हमारे खिलाफ गये और आखिर में उस बल्लेबाज (रहीम) ने अर्धशतक जमाया।’ बांग्लादेश की यह टी20 में भारत पर पहली जीत है। इससे पहले 8 मैचों में भारत ने जीत दर्ज की थी लेकिन रोहित ने साफ किया कि वे रिकार्ड पर ध्यान नहीं देते और उन्होंने बांग्लादेश को हल्के से नहीं लिया था। उन्होंने कहा,‘मैं यह नहीं कहूंगा कि हमने उन्हें हल्के से लिया था। जब हम मैदान पर उतरते हैं तो रिकार्ड पर गौर नहीं करते। हम उसे एक नये मैच की तरह देखते हैं और उसे जीतना चाहते हैं। हम अपनी रणनीति और कौशल का सही प्रदर्शन करके ऐसा करना चाहते हैं जो हम इस मैच में नहीं कर पाये।’
गांगुली ने दोनों टीमों का जताया आभार
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने राष्ट्रीय राजधानी में काफी अधिक वायु प्रदूषण के बावजूद पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के लिए सहमत होने पर सोमवार को भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और बांग्लादेश क्रिकेट टीम को धन्यवाद दिया। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी। रविवार को मैच के दिन भी प्रदूषण काफी अधिक था। गांगुली ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘मुश्किल हालात में यह मैच खेलने के लिए दोनों टीमों को धन्यवाद <\@>रोहित शर्मा <\@>बांग्लादेश टीम। शानदार प्रदर्शन किया बांग्लादेश।’
एक और करीबी मैच में नहीं करना चाहता था हार के दर्द का सामना : मुशफिकुर
करीबी टी20 मैचों में हार के दर्द का सामना जितना मुशफिकुर रहीम ने किया है उतना किसी ने नहीं किया और बांग्लादेश का यह पूर्व कप्तान ‘पिछले मुश्किल दो हफ्तों’ को भुलाने के लिए क्रिकेट के मैच जीतने के लिए प्रतिबद्ध था। बेंगलुरू में 2016 में विश्व टी20 मुकाबले में भारत के खिलाफ बांग्लादेश की एक रन की हार के दौरान टीम में शामिल रहे रहीम ने रविवार को यहां तीन मैचों की सीरीज़ के पहले मैच में नाबाद 60 रन की पारी खेलकर मेहमान टीम को जीत दिलाई जो 149 रन के लक्ष्य का सामना कर रही थी। भारत पर बांग्लादेश की टी20 में पहली जीत के बाद रहीम ने कहा, ‘हमने भारत के खिलाफ काफी करीबी मैच खेले इसलिए हमने स्वयं से वादा किया कि अगली बार हमें खेल में इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा तो हम हारना नहीं चाहेंगे।’ रहीम ने कहा कि पिछले दो हफ्ते उनके 15 साल के करियर का सबसे मुश्किल समय रहा। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश से रवाना होने से पहले मैंने कहा कि अगर हम कुछ मैच जीत लेंगे तो सब कुछ पटरी पर आ सकता है। हमने ऐसा ही किया और हम इस फार्म को जारी रखने का प्रयास करेंगे।’ रहीम ने कहा, ‘हमने भारत के खिलाफ पिछले दो मैचों से काफी कुछ सीखा और अंतिम ओवर तक गए। इस पर चर्चा की कि हम इस स्थिति से कैसे पार पा सकते हैं। मैं रियाद (महमूदुल्लाह) से कह रहा था कि बड़े शाट खेलने की जगह एक और दो रन लेकर मैच जीतते हैं।’
ऋषभ की ‘रिव्यू’ में नाकामी का किया बचाव
जब सटीक ‘रिव्यू’ की बात आती है तो महेंद्र सिंह धोनी का नाम एकदम से जेहन में आ जाता लेकिन सीमित ओवरों के प्रारूप में उनके उत्तराधिकारी ऋषभ पंत बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को यहां पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इस मोर्चे पर पूरी तरह से नाकाम रहे जिसके लिये कप्तान रोहित शर्मा ने उनका बचाव किया। वह मैच का 10वां ओवर था जबकि डीआरएस को लेकर फैसले भारत के खिलाफ गये और आखिर में यह गलती टीम को महंगी पड़ी और उसे पहली बार बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के इस ओवर की तीसरी गेंद पर मुशफिकुर रहीम पगबाधा आउट थे लेकिन भारत ने ‘रिव्यू’ नहीं लिया। गेंदबाज या विकेटकीपर पंत ने इसके लिये कप्तान को कोई सलाह भी नहीं दी। रहीम तब 6 रन पर खेल रहे थे और बाद में वह 60 रन बनाकर नाबाद रहे। इसी ओवर की आखिरी गेंद पर सौम्या सरकार के खिलाफ पंत ने विकेट के पीछे कैच की अपील की जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया। पंत ने रोहित पर ‘डीआरएस’ के लिये दबाव बनाया लेकिन ‘रिव्यू’ से स्पष्ट हो गया कि गेंद बल्ले से लगकर नहीं गयी थी। दर्शकों ने भी ‘धोनी-धोनी’ की गूंज से पंत को गलती का अहसास कराया।

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