रोहित, विराट के संन्यास के बाद घबराने की जरूरत नहीं

संजय मांजरेकर ने कहा- घबराओ नहीं भारत दुनिया की आला टीमों में बना रहेगा

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद घबराने की जरूरत नहीं है। ‘फैब फोर’ के विदा लेने के बाद भी भारतीय क्रिकेट ने वापसी की थी। आधुनिक क्रिकेट के दिग्गजों रोहित और विराट ने एक सप्ताह के भीतर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

मांजरेकर ने ‘फैब फोर’ (सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली) की विदाई से इसकी तुलना की। उन्होंने इंस्टाग्राम वीडियो पर लिखा कि मैं जानता हूं कि प्रशंसक चिंतित होंगे। फैब फोर के संन्यास के बाद भी ऐसी ही चिंता थी, लेकिन कुछ साल बाद भारत दुनिया की नम्बर एक टेस्ट टीम बना।

जब तक भारत में खेल लोकप्रिय हैं और कई प्रतिभाशाली युवा भारत के लिए खेलने को बेताब हैं और ऐसे हजारों युवा हैं। भारतीय टीम के लिए खेलने तक का सफर आसान नहीं है। यहां तक पहुंचने वाले वाकई प्रतिभाशाली होंगे। इसमें समय लगेगा। घबराने की जरूरत नहीं है। फैब फोर के जाने के बाद क्या हुआ था। हमारी गेंदबाजी बेहतर हुई। यहां भी ऐसा हो सकता है।

नए सितारे आएंगे और नए गेंदबाज भी। भारत दुनिया की आला टीमों में बना रहेगा। मौजूदा भारतीय टीम को इस नजरिए से भी देखा जा सकता है, जिसमें विराट और रोहित टीम का हिस्सा थे। हम अपनी धरती पर न्यूजीलैंड से 3 . 0 से हारे और आस्ट्रेलिया में बुरी तरह हारे। इस टीम के साथ हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। नई भारतीय टीम को शुभकामनाएं।

कोहली के बिना नीरस होता टेस्ट क्रिकेट: माइकल वॉन

लंदन। टेस्ट क्रिकेट से विराट कोहली के अचानक संन्यास लेने से स्तब्ध इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के लिए उतना किसी और खिलाड़ी ने नहीं किया जितना भारत के इस स्टार बल्लेबाज ने। कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने अपने कैरियर में 123 टेस्ट में 30 शतक समेत 46 . 85 की औसत से 9230 रन बनाए।

वॉन ने ‘द टेलिग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा ,‘‘ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वालों में बहुत कम ही ऐसे हैं जिनके जाने से मैं वाकई दुखी हुआ हूं कि अब इसे दोबारा खेलते देखने का मौका नहीं मिलेगा। मैं दुखी हूं कि अब विराट कोहली को इंग्लैंड दौरे पर या आगे सफेद जर्सी में नहीं देख सकेंगे।”

उन्होंने लिखा ,‘‘ मैं स्तब्ध हूं कि वह अभी संन्यास ले रहा है और दुखी भी हूं। मुझे नहीं लगता कि टेस्ट प्रारूप के लिए किसी और बल्लेबाज ने इतना किया है जितना कोहली ने।” भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते। वॉन ने कहा कि कोहली ने पारंपरिक प्रारूप से लोगों को फिर प्यार करना सिखाया और उनके बिना यह प्रारूप बहुत नीरस होता।

उन्होंने कहा ,‘‘एक दशक पहले जब वह कप्तान बना तो मुझे लगा था कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि कम हो रही है। एम एस धोनी सफेद गेंद के महान खिलाड़ियों में से थे लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसी टेस्ट टीम की कप्तानी की जिसे प्रारूप से प्यार नहीं था। खेल के लिए जरूरी है कि भारत की टेस्ट क्रिकेट में रूचि रहे और बतौर कप्तान विराट ने ऐसा ही किया ।”

वॉन ने लिखा ,‘‘ उनका जुनून, कौशल और टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनके विचारों ने काफी सकारात्मक असर डाला। उनके बिना यह प्रारूप बेहद नीरस होता और अपनी अपील खो चुका होता।” उन्होंने कहा ,‘‘ उसका जाना टेस्ट क्रिकेट के लिए झटका है। उसने आने वाली पीढी को इस प्रारूप से प्यार करना सिखाया। टी20 क्रिकेट के आगमन के बाद से तीनों प्रारूपों की बात की जाए तो वह महानतम क्रिकेटर रहा है।”

विराट मैदान छोड़ गए, पर मान नहीं- नासिर हुसैन

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का अपार योगदान आंकड़ों से कहीं अधिक है और किसी भी ‘सामान्य’ चीज से संतुष्ट न होने की उनकी अदम्य भावना ने ही शायद उन्हें संन्यास लेने के फैसले के लिये प्रेरित किया।

कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली। छत्तीस वर्ष के कोहली टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े प्रचारक ही नहीं थे बल्कि भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी थे। हुसैन ने स्काय स्पोटर्स क्रिकेट पॉडकास्ट पर कहा ,‘‘ वह चैम्पियन है। वह जीत का लक्ष्य लेकर ही खेलता है और उसके लिये बेचैन रहता है।”

उन्होंने कहा, “कोहली के लिये सब कुछ जीतने के बारे में ही है इसलिए तो लक्ष्य का पीछा करने में वह माहिर है। अगर वह सौ फीसदी नहीं दे सकता होगा तो मैदान पर नहीं उतरेगा। वह हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने ही उतरता है।” हुसैन ने कहा ,‘‘ हो सकता है कि उसने संन्यास का फैसला भी इसलिये ही लिया हो। वह आम क्रिकेटर नहीं बनना चाहता। वह कुछ खास करना चाहता है। उसने भारत को वह ताकत बनाया जो वह आज है।”

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं पिछले 14 साल से कोहली का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। उसके आंकड़े खुद उसके बारे में कहते हैं लेकिन वह आंकड़ों से बहुत आगे कुछ है। उसकी शख्सियत , स्वैग और जुनून। हम भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को जानते हैं और क्रिकेट उनके लिये बहुत मायने रखता है।”

उन्होंने कहा ,‘‘ क्रिकेट को लेकर इतना जुनून भारत में कोहली से ज्यादा किसी ने नहीं जगाया। वह अविश्वसनीय क्रिकेटर है। वह भारत को नंबर एक तक ले गया जहां टीम 42 महीने तक रही। उसने उनके क्रिकेट खेलने का तरीका बदल दिया।” इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथरटन ने इसी पॉडकास्ट में कहा ,‘‘हमें नहीं पता कि अब चौथे नंबर पर कौन उतरेगा लेकिन उसे कोहली की जगह लेनी है और यह आसान नहीं है। पंद्रह साल तक कोहली और उससे पहले सचिन तेंदुलकर।”

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