जम्मू-कश्मीर मेरे करियर की सबसे अलग चुनौती : इरफान पठान

जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी सह मेंटर इरफान पठान ने कहा कि वह अपने लंबे क्रिकेट करियर की सबसे अलग चुनौती से निपट रहे हैं और राज्य में संचार के साधन ठप होने के बावजूद टीम को आगामी घरेलू सत्र के लिये तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) ने स्थानीय टीवी चैनलों पर विज्ञापन देकर घाटी के अपने खिलाड़ियों से संपर्क साधा। पठान ने भारत के लिये 29 टेस्ट और 120 वनडे खेले हैं। उ

न्होंने बताया, ‘हमारे लिये सबसे बड़ी चुनौती है कि हम कश्मीर और इसके जिलों में खिलाड़ियों से संपर्क नहीं साध पा रहे हैं। हम जम्मू के खिलाड़ियों से संपर्क में हैं।’ इस तेज गेंदबाज ने कहा कि कश्मीर में मौजूदा हालत के कारण फिटनेस शिविर में टीम को जो फायदा मिला था, वह बेकार हो गया है। यह शिविर जून में भारतीय टीम के पूर्व ट्रेनर सुदर्शन वी पी के मार्गदर्शन में हुआ था। घरेलू सत्र अगले महीने विजय हजारे ट्राफी के साथ शुरू होगा। जेकेसीए अपने खिलाड़ियों से संपर्क नहीं साध पा रहा था जिसमें बड़े नाम जैसे परवेज रसूल शामिल थे। तो पठान, जेकेसीए के सीईओ आशिक अली बुखारी और प्रशासक सीके प्रसाद ने मिलकर इसका हल निकाला। उन्होंने कहा, ‘बुखारी पूर्व डीआईजी हैं। उन्होंने इसका समाधान निकाला कि हमें टीवी पर विज्ञापन निकालना चाहिए। एक कार्यक्रम है जो हर शाम को प्रसारित होता है और कश्मीर के लोग इसके जरिये अपने करीबी और रिश्तेदारों से संपर्क साध रहे हैं।’ पठान ने कहा, ‘इसलिये हमने इस उम्मीद में विज्ञापन दिया कि चुने हुए खिलाड़ी जम्मू में शिविर में जुड़ सकें। हमने विज्ञापन कल दिया और हम एक दिन के अंदर सबके जवाब की उम्मीद नहीं कर सकते। इसमें कम से कम दो से तीन दिन लगेंगे। यह अजीब सी स्थिति है। मैं कभी भी इस तरह की परिस्थितियों से नहीं निपटा हूं। ’ पठान को मार्च 2018 में खिलाड़ी कम मेंटोर नियुक्त किया गया था। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद राज्य में संपर्क के साधन ठप हो गये थे।

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