अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकीः दिव्या देशमुख

जीत के बाद कहा- मुझे खिताब जीतने की उम्मीद नहीं थी

खेलपथ संवाद

बातुमी (जॉर्जिया)। दिव्या देशमुख को दिग्गज खिलाड़ियों से सजी महिला विश्व कप 2025 में सिर्फ इस उम्मीद के साथ आई थीं कि वह भविष्य में ग्रैंडमास्टर बनने की अपनी यात्रा में वह कम से कम एक ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर सकेंगी। उन्हें इस टूर्नामेंट को जीतने की खुद भी बहुत उम्मीद नहीं थी।

नागपुर की इस 19 वर्षीय खिलाड़ी ने हालांकि इस खेल की कुछ बड़े नामों को हराकर लगभग तीन सप्ताह के भीतर तीन प्रमुख उपलब्धियां हासिल कर लीं। इसमें अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह पक्की करना, इस प्रतिष्ठित खिताब को जीतना और इस प्रक्रिया में स्वत: ग्रैंडमास्टर बन जाना शामिल है। शतरंज में जीएम बनना सबसे कठिन चीजों में से एक है, क्योंकि एक खिलाड़ी को फिडे अनुमोदित टूर्नामेंटों में तीन जीएम नॉर्म हासिल करने के साथ 2500 रेटिंग पार करनी होती है।

दिव्या को हालांकि फिडे के उस नियम का फायदा हुआ जिसमें कुछ खास प्रतियोगिताओं के विजेता सामान्य नॉर्म और रेटिंग हासिल नहीं करने पर भी सीधे ग्रैंडमास्टर बन सकते हैं। महिला विश्व कप भी इस तरह की टूर्नामेंटों में शामिल है। दिव्या ने अनुभवी हमवतन कोनेरू हम्पी को हराने के बाद कहा, ‘‘मुझे इसे (जीत को) आत्मसात करने के लिए समय चाहिए।

मुझे लगता है कि यह नियति की बात थी कि मुझे इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला क्योंकि इससे पहले मेरे पास एक भी (ग्रैंडमास्टर) नॉर्म नहीं था और अब मैं ग्रैंडमास्टर हूं। इस मुकाबले के दौरान पेशे से चिकित्सक दिव्या की मां भी वहां मौजूद थीं। दिव्या दो बार की विश्व रैपिड चैम्पियन हम्पी को टाई-ब्रेकर में हराने के बाद भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं और अपनी मां से गले मिलने के दौरान उनकी आंखें नम थीं।

दिव्या ने कहा कि मेरे लिए अभी बात करना मुश्किल है। यह वाकई बहुत मायने रखता है, लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। मुझे उम्मीद है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। दिव्या इस उपलब्धि के साथ हम्पी, द्रोणावल्ली हरिका और आर. वैशाली के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी भारतीय महिला बन गईं।

दिव्या की यह उपलब्धि कई युवाओं को करेगी प्रेरितः प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख को फिडे महिला विश्व कप चैम्पियन बनने पर बधाई देते हुए कहा कि यह दो उत्कृष्ट भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी वाला एक ऐतिहासिक फाइनल था। दिव्या ने सोमवार को जॉर्जिया के बातुमी में अनुभवी हमवतन कोनेरू हम्पी पर टाई-ब्रेकर में जीत दर्ज कर अपने करियर में एक बड़ा मुकाम हासिल किया। मोदी ने ‘एक्स' पर लिखा कि दो उत्कृष्ट भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के बीच ऐतिहासिक फाइनल।

फिडे महिला विश्व शतरंज चैम्पियन 2025 बनने वाली युवा दिव्या देशमुख पर गर्व है। उन्हें इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह कई युवाओं को प्रेरित करेगा। फाइनल में दिव्या की प्रतिद्वंद्वी कोनेरू हम्पी ने भी पूरे चैंपियनशिप में असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि दोनों खिलाड़ियों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। इस जीत ने 19 वर्षीय दिव्या को प्रतिष्ठित खिताब दिलाने के साथ उन्हें ग्रैंडमास्टर भी बना दिया जो टूर्नामेंट की शुरुआत में असंभव लग रहा था।

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