थम गई जांबाज मैराथन धावक फौजा सिंह की रफ्तार

114 साल की उम्र में पैतृक गांव ब्यास में अज्ञात गाड़ी ने छीनी जिन्दगी
खेलपथ संवाद
जालंधर। विश्व प्रसिद्ध मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार (14 जुलाई) को पंजाब के जालंधर जिले में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वह 114 वर्ष के थे और अपने पैतृक गांव ब्यास में टहलने निकले थे, तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शाम को उनकी मृत्यु हो गई।
इस दुखद घटना की पुष्टि जालंधर पुलिस और उनके जीवन पर पुस्तक ‘द टर्बन्ड टॉरनेडो’ लिखने वाले लेखक खुशवंत सिंह ने की है। आदमपुर थाने के एसएचओ हरदेवप्रीत सिंह ने बताया कि हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया और उसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर वाहन और चालक की तलाश में जुटी है।
यह घटना लगभग अपराह्न साढ़े तीन बजे की बताई जा रही है, जब फौजा सिंह सड़क पार कर रहे थे। खुशवंत सिंह ने सोशल मीडिया पर फौजा सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “मेरा ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ अब नहीं रहा।” पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने भी फौजा सिंह के निधन पर शोक जताया और लिखा, “मैं महान मैराथन धावक और दृढ़ता के प्रतीक सरदार फौजा सिंह जी के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने 114 वर्ष की आयु में मेरे साथ ‘नशा मुक्त, रंगला पंजाब’ मार्च में हिस्सा लिया था। उनकी विरासत पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रेरणा देती रहेगी.” सोशल मीडिया पर हजारों लोग इस खबर पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
कौन थे फौजा सिंह?
फौजा सिंह को ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ के नाम से दुनिया भर में जाना जाता था। वह उम्र के इस पड़ाव पर भी न सिर्फ सक्रिय थे, बल्कि युवाओं के प्रेरणास्रोत भी बने हुए थे। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ों में भाग लिया और स्वास्थ्य, नशा मुक्ति तथा फिटनेस को लेकर सामाजिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन से देश ने न सिर्फ एक धावक बल्कि एक जीवंत प्रेरणा को खो दिया है।