दो साल के तरुण का के.डी. हॉस्पिटल में हुआ सफल ऑपरेशन

शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने फेफड़े से निकाली गांठ
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने गांव बैरी, जिला मथुरा निवासी हरवान के दो साल के पुत्र तरुण को नया जीवन दिया है। डॉ. शर्मा और उनकी टीम द्वारा बच्चे के फेफड़े की गांठ की सफल सर्जरी की गई। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसकी सांस लेने की परेशानी भी दूर हो गई है।
जानकारी के अनुसार गांव बैरी, मथुरा निवासी हरवान का पुत्र तरुण लगातार खांसी आने तथा सांस लेने की परेशानी से जूझ रहा था। उसे कई जगह दिखाया गया लेकिन चिकित्सकों को बच्चे की असली परेशानी समझ में नहीं आई। आखिरकार उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया तथा शिशु औषध विभाग में दिखाने के बाद चिकित्सकों ने उसे शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा को दिखाने की सलाह दी। डॉ. शर्मा ने बच्चे का एक्सरा तथा सीटी स्केन कराया जिससे पता चला कि उसके फेफड़े में गांठ है जो दिल (हृदय) से चिपकी हुई है।
बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी। हरवान की स्वीकृति के बाद डॉ. शर्मा द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर बच्चे तरुण का ऑपरेशन किया गया। लगभग तीन घंटे चले ऑपरेशन में डॉ. शर्मा द्वारा बच्चे की गांठ जोकि हृदय से चिपकी हुई थी, उसे पूरी तरह से निकाल दिया गया। गांठ 10 गुणा 8 गुणा 5 सेंटीमीटर की थी तथा द्रव पदार्थ से भरी हुई थी। इस गांठ को पैथोलॉजी विभाग में सूक्ष्मदर्शी यंत्र से जांच के लिए भेज दिया गया है।
इस ऑपरेशन में डॉ. शर्मा का सहयोग डॉ. आशीष, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह तथा ओटी टेक्नीशियन योगेश ने किया। ऑपरेशन के बाद बच्चे की देखरेख डॉ. संध्या लता आचार्य शिशु औषध के निर्देशन में हुई। इस ऑपरेशन पर डॉ. शर्मा का कहना है कि दो वर्ष के बच्चे के फेफड़े में गांठ होना अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विकृति है। ऐसी परेशानी 50 हजार बच्चों में एकाध को ही होती है। उन्होंने बताया कि मेडिकल भाषा में इसे ब्रोन्कोजेनिक सिस्ट कहते हैं तथा कुछ बच्चों में एंटेरोजीनंस सिस्ट होती है।
डॉ. शर्मा का कहना है कि बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। बच्चे का वजन भी बढ़ गया है तथा अब वह सामान्य रूप से भोजन भी करने लगा है। बच्चे के सफल ऑपरेशन के लिए हरवान ने डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार मानते हुए कहा कि वह तो नाउम्मीद हो गया था। उसे डर था कि कहीं बच्चे को कुछ हो न जाए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्चे की सफल सर्जरी के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई दी।