तीन साल में 233 एथलीटों ने स्वीकारी डोपिंग की बात

इन खिलाड़ियों में राष्ट्रमंडल चैम्पियन हजारिका भी शामिल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। खेलों में शक्तिवर्धक दवाओं का प्रयोग तो आम है, पर इनके सेवन की स्वीकारोक्ति से खिलाड़ी इंकार करते रहे हैं, लेकिन बीते तीन वर्षों में 233 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के समक्ष फंसने के बाद डोपिंग करने की बात स्वीकार की है। इनमें कई नामी खिलाड़ी भी शामिल हैं।
2023 में राष्ट्रमंडल वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप का स्वर्ण जीतने वाली और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनििधत्व करने वाली पॉपी हजारिका ने भी बीते माह डोपिंग करने की बात स्वीकारी है। यह संभव हुआ है, 2021 में लाए गए वाडा के नए नियम के तहत। अगर डोप पॉजिटिव खिलाड़ी यह स्वीकार कर लेता है कि उसने डोपिंग की है तो उसे कुल प्रतिबंध में से एक साल की छूट दी जाती है। इनमें से अधिकतर पर चार के बजाय तीन साल का प्रतिबंध लगा है।
इनमें 22 खिलाड़ी नाबालिग हैं। डोपिंग करने वाले सबसे ज्यादा 72 खिलाड़ी एथलेटिक्स से हैं। दूसरा स्थान वेटलिफ्टरों का है, जिनके 54 खिलाड़ियों ने डोपिंग करना स्वीकार किया है। इनमें से तीन खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगा है। इन्होंने एक नहीं बल्कि कई शक्तिवर्धक दवाओं का उपयोग किया था। तीन खिलाड़ियों ने एक से अधिक दवाओं के सेवन की बात स्वीकारी। साल 2025 में 30 अप्रैल तक 29 खिलाड़ी डोपिंग करने की बात स्वीकार कर चुके हैं। इनमें एक नाबालिग वेटलिफ्टर भी शामिल है, जिन तीन खिलाड़ियों ने एक से अधिक दवाओं के सेवन स्वीकार किया है, वे भी इस वर्ष के हैं।
यौन शोषण का आरोपी फुटबॉल कोच गिरफ्तार
मणिपुर के इम्फाल पूर्वी जिले में एक फुटबॉल कोच को कथित तौर पर कम से कम 11 लड़कियों का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया जो उसकी अकादमी में ट्रेनिंग लेती थीं। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि उसने महीनों तक कम से कम 11 खिलाड़ियों का यौन शोषण किया।