काशी में पहलवानों की हो रही खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तैयारी

कोच करवा रहे उठापटक, 16 पदक विजेता यशवंत भी लगाएंगे दांव
खेलपथ संवाद
वाराणसी। आगामी प्रतियोगिता और खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लेने के लिए पहलवानों ने तैयारी शुरू कर दी है। कुश्ती खिलाड़ियों ने कोच रविंद्र मिश्र की देखरेख में अभ्यास किया। उमेश कुमार ने बताया कि खिलाड़ी रोज सुबह-शाम तीन-तीन घंटे अभ्यास कर रहे हैं।
खिलाड़ी दम के लिए मिट्टी के अखाड़े पर जोर आजमाइश करते हैं जबकि कुश्ती गद्दे पर लड़ते हैं। खिलाड़ी मैट पर उतरने से पहले आधा घंटे वार्मअप करते हैं। इसके बाद गद्दे पर कुश्ती खेलते हैं। खिलाड़ियों को तेजी से अटैक और विपक्षी खिलाड़ी को बिना समय दिए बाई फॉल का प्रशिक्षण दिया जाता है।
खिलाड़ी को ब्लॉक करने पर वॉर्न किया जाता है। लगातार गलती करने पर विरोधी खिलाड़ी को अंक भी दिया जाता है। अब खिलाड़ियों को दांव लगाने पर अंक दे दिए जाते हैं। राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी यशवंत गिरी, करण यादव, कशिश आदि ने मैट पर अभ्यास किया।
साई के जिले में चार केंद्र, फिर भी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में जिले से कोई नहीं
खेल प्रतिभाओं को तराशने और राष्ट्रीय फलक पर लाने के उद्देश्य से जिले में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से चार प्रशिक्षण केंद्रों की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं। केंद्रों में नियमित रूप से 250 खिलाड़ियों को तैयार करने का दावा किया जाता है। अगले माह बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए जिले के इन साई केंद्रों से अभ्यास करने वाला एक भी खिलाड़ी अपनी जगह नहीं बना पाया है।
यूपी कॉलेज स्थित खेलो इंडिया प्रशिक्षण केंद्र प्रमुख है। केंद्र में तीन साल से 120 खिलाड़ियों को वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी और एथलेटिक्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए डे बोर्डिंग स्कीम के तहत तीन अखाड़ों में 100 पहलवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त बीएचयू में भी साई के सहयोग से 80 खिलाड़ियों को मुक्केबाजी और एथलेटिक्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंडुवाडीह के निवेदिता बालिका इंटर कॉलेज में 25 महिला पहलवानों के प्रशिक्षण की सुविधा है, लेकिन इस समय 10 महिला पहलवान ही प्रशिक्षण ले रही हैं।
जेएस द्विवेदी, प्रभारी साई सेंटर का कहना है कि खेलो इंडिया के लिए कुछ खिलाड़ियों ने चयन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इनमें एक से दो खिलाड़ियों का चयन हुआ जो अन्य जिले के हैं। प्रशिक्षण केंद्रों में एक खेल में 30 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की सुविधा है। प्रशिक्षण देने के लिए ओलम्पिक स्तर के प्रशिक्षक नियुक्त किए गए हैं।