मानहानि मामले में बजरंग पूनिया को राहत

माफी मांगने के बाद दिल्ली की अदालत ने खत्म किया मामला

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला खत्म कर दिया है। गुरुवार को पूनिया ने कोच और शिकायतकर्ता नरेश दहिया से बिना शर्त के माफी मांगी थी। न्यायाधीश ने 29 मई को मामला तब बंद कर दिया जब दोनों पक्षों ने अदालत में प्रस्तुत किया कि उन्होंने मामले को आपस में सुलझाने का फैसला किया है।

न्यायाधीश ने आदेश में कहा, 'मामला सुलझाया गया।' दहिया ने दावा किया था कि बजरंग ने अन्य पहलवानों और लोगों के साथ मिलकर 10 मई, 2023 को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

बजरंग ने 10 मई 2023 को जंतर मंतर पर धरने के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि नरेश दहिया खुद बलात्कार के आरोपी हैं इसलिए उन्हें उनके विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद दहिया ने बजरंग को अदालत में घसीटकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। बजरंग को अदालत ने समन जारी किया था और उन्हें चौथी सुनवाई में जमानत भी दे दी थी। बजरंग ने 17 मई को कोच से माफी मांगी और अपने किए पर खेद जताया।

बजरंग ने अपने माफीनामे में कहा, 'मैं जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के समय हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोच नरेश दहिया के खिलाफ दिए गए गलत और असंवेदनशील बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं। मैं कोच नरेश दहिया की छवि को हुए नुकसान और उनके खिलाफ मेरे गलत और असंवेदनशील बयान के कारण उनके प्रियजनों को हुए दर्द और पीड़ा के लिए गहरा खेद व्यक्त करता हूं। वह एक प्रतिष्ठित कोच हैं और उन्होंने देश को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मैं एक बार फिर खेद व्यक्त करते हुए उनसे और उनके प्रियजनों से दिल से माफी मांगता हूं।'

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