भारत 2036 ओलम्पिक की मेजबानी को तैयारः अमित शाह

38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन अवसर पर गृह मंत्री ने कही यह बात
खेलपथ संवाद
देहरादून।
राष्ट्रीय खेलों का 38वां संस्करण समाप्त हो गया।। शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह समापन समारोह में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत 2036 में होने वाले ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने अगले मेजबान मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को ध्वज सौंपने से पहले खेलों के समापन की घोषणा की।
गृह मंत्री शाह ने अपने सम्बोधन में 2036 में ओलम्पिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी का जिक्र करते हुए कहा, मैं आज यह कह सकता हूं कि खेलों में भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। हम 2036 में ओलम्पिक की मेजबानी के लिए तैयार हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्मृति चिह्न, शॉल और गुलदस्ता देकर शाह का स्वागत किया। उन्होंने आगे कहा, देवभूमि न केवल राष्ट्रीय खेलों के कारण बल्कि खेलों में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन और खेलों की सफल मेजबानी के कारण खेलभूमि में बदल गई है।
शाह और धामी के अलावा जिन अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने समापन समारोह में भाग लिया उनमें केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंगकल संगमा, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य, दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग शामिल हैं।
खेल मंत्री मांडविया ने कहा, उत्तराखंड ने देश को बताया है कि यह सिर्फ देवभूमि नहीं बल्कि खेलभूमि भी है। राज्य ने सुनिश्चित किया कि खेलों के दौरान किसी भी खिलाड़ी को कोई कठिनाई न हो। यह भारत के खेल केंद्र बनने की शुरुआत है। आयोजन स्थल की क्षमता 25,000 है जोकि खचाखच भरा हुआ था।
मांडविया ने आगे कहा, यह 2036 तक भारत के ओलम्पिक खेलों में शीर्ष 10 देशों में शामिल होने की शुरुआत है। देश में अब एक खेल पारिस्थितिकी तंत्र है। यह खेल सहित हर पहलू में आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर ऊषा ने कहा, सफर यहीं खत्म नहीं होता, यह भारतीय खेलों के लिए सिर्फ शुरुआत है।
एसएससीबी तालिका में शीर्ष पर रहा
राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 28 जनवरी को हुई थी जिसमें सेना खेल संवर्धन बोर्ड (एसएससीबी) कुल 121 पदक (68 स्वर्ण, 26 रजत, 27 कांस्य) के साथ पिछले छह राष्ट्रीय खेल में पांचवीं बार पदक तालिका में शीर्ष पर रहा। महाराष्ट्र ने 198 (54 स्वर्ण, 71 रजत, 73 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक जीते लेकिन कम स्वर्ण पदक जीतने के कारण वह दूसरे स्थान पर रहा। यहां तक कि हरियाणा को 153 (48 स्वर्ण, 47 रजत, 58 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक मिले, लेकिन उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। मेजबान उत्तराखंड 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य सहित कुल 103 पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा। जबकि कर्नाटक चौथे तथा मध्य प्रदेश पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा।

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