नेपाल को हराकर खो-खो विश्व कप में जय-जय हिन्दुस्तान

भारतीय महिला और पुरुष टीमों ने एक ही दिन जीतीं दो विश्व कप ट्रॉफी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
गति, रणनीति और शानदार दम पर टीम इंडिया ने रविवार की रात इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खो खो विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर इस खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। खिताबी मुकाबले में भारतीय महिला और पुरुष टीमों ने बिंदास अंदाज में खेलते हुए नेपाल को पराजित किया। भारत ने जहां जीत का जश्न मनाया वहीं उप-विजेता नेपाल की टीमों ने भी दर्शकों का अपने अंदाज में आभार माना। 
कप्तान प्रतीक वाइकर और टूर्नामेंट के स्टार खिलाड़ी रामजी कश्यप के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय पुरुष टीम ने नेपाल के खिलाफ फाइनल में 54-36 से जीत दर्ज की। इससे पहले भारत की महिला टीम ने एक और बेहतरीन फाइनल में नेपाल पर दबदबा बनाते हुए 78-40 के शानदार स्कोर के साथ अपनी जीत पक्की की और चैम्पियन का ताज पहना।
भारत के लिए पहले अटैक करते हुए, रामजी कश्यप ने एक असाधारण स्काई डाइव के साथ नेपाल के सूरज पुजारा को आउट कर दिया। इसके बाद सुयश गरगेट ने भरत साहू को पछाड़कर भारत को केवल 4 मिनट में 10 अंकों के साथ शानदार शुरुआत दिलाई। स्काई डाइव ही मेन इन ब्लू के लिए खेल का नाम था, और इसने टर्न 1 में टीम के लिए एक शानदार शुरुआत सुनिश्चित की, जिससे उनके विरोधियों को ड्रीम रन से रोका जा सका। टर्न के अंत में, स्कोरलाइन भारतीयों के पक्ष में 26-0 थी और यह टीम के लिए एक बेहतरीन शुरुआत थी।
टर्न 2 में नेपाल टीम इंडिया के स्तर की बराबरी तो नहीं कर पाई, लेकिन टीम को एक भी ड्रीम रन से नहीं रोक पाई। आदित्य गणपुले और कप्तान प्रतीक वाइकर ने टीम को इस टर्न में आगे बढ़ाया और जनक चंद और सूरज पुजारा जैसे खिलाड़ियों के लगातार टच के बावजूद टीम ने दूसरे हाफ में 26-18 की बढ़त हासिल कर ली।
टर्न 3 में भारत ने पूरे आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। कप्तान प्रतीक वाइकर ने कई स्काई डाइव के साथ मैट पर चमक बिखेरी और टूर्नामेंट के दूसरे स्टार रामजी कश्यप का भी साथ मिला। आदित्य गणपुले भी अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे और टीम के सामूहिक प्रयास ने स्कोर को 54-18 तक पहुंचा दिया, जो मैच के अंतिम टर्न में प्रवेश कर गया और इसी के साथ यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट में भी।
नेपाल ने टर्न 4 में टीम इंडिया के खिलाफ वापसी करने के लिए कड़ी टक्कर दी। लेकिन डिफेंडर्स, एक बार फिर प्रतीक वाइकर और इस बार सचिन भार्गो - जिन्हें चिंगारी के नाम से जाना जाता है - के नेतृत्व में बहुत मजबूत साबित हुए। मेहुल और सुमन बर्मन भी उतने ही प्रभावशाली रहे, और इसने टीम इंडिया के लिए एक बहुत ही योग्य ट्रॉफी को पक्का कर दिया क्योंकि फाइनल के अंत में स्कोर 54-36 था।
चैम्पियनशिप तक टीम का सफर हर लिहाज़ से उल्लेखनीय रहा। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा दिखाया, जिसकी शुरुआत ग्रुप स्टेज में ब्राजील, पेरू और भूटान पर जीत से हुई। नॉकआउट राउंड तक उनकी गति जारी रही, जहां उन्होंने क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को हराया और फिर सेमीफाइनल में एक मजबूत दक्षिण अफ्रीकी टीम को हराया।
इससे पहले भारतीय बेटियों ने नेपाल को फाइनल मुकाबले में हराकर पहला खो-खो विश्व कप खिताब अपने नाम किया। दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में प्रियंका इंगले की अगुआई वाली टीम ने नेपाल को 78-40 से हराकर मुकाबला और खिताब जीत लिया। इस मैच में मेजबान टीम ने विपक्षियों पर पूरे समय दबाव बनाए रखा।
नेपाल ने टॉस जीतकर भारत को अटैक करने का न्योता दिया। कप्तान प्रियांक इंगले के नेतृत्व में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआती टर्न में नेपाल को एक बार भी ड्रीम रन करने का मौका नहीं दिया और 34-0 की बढ़त बना ली। नेपाल ने दूसरे टर्न में अटैक करते हुए 24 अंक बनाकर वापसी की लेकिन इस दौरान बी चैत्रा ने ड्रीम रन पूरा कर भारत को भी एक अंक दिलाया। 
मध्यांतर के बाद भारत की बढ़त 35-24 की हो गई। भारतीय टीम तीसरे टर्न में अटैक करते हुए मैच पर पूरी तरह से हावी हो गई। टीम ने 73-24 की बढ़त के साथ जीत को लगभग पक्का कर लिया। चैत्रा ने चौथे टर्न में भी ड्रीम रन से पांच अंक जुटा कर नेपाल के खिलाड़ियों को परेशान किया। नेपाल की टीम इस टर्न में 16 अंक ही जुटा सकी। भारतीय महिला टीम ने ग्रुप चरण में दक्षिण कोरिया, ईरान और मलयेशिया पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश और सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को एकतरफा अंदाज में हराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
महिलाओं की ऐतिहासिक जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। पीएम ने एक्स पर लिखा- 'भारतीय महिला टीम को पहली बार खो-खो विश्व कप जीतने पर बधाई! यह ऐतिहासिक जीत उनके अद्वितीय कौशल, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क का परिणाम है। इस जीत ने भारत के सबसे पुराने पारंपरिक खेलों में से एक को और अधिक सुर्खियों में ला दिया है, जिससे देश भर के अनगिनत युवा एथलीटों को प्रेरणा मिली है। उम्मीद है कि यह उपलब्धि आने वाले समय में और अधिक युवाओं के लिए इस खेल को अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।'
उद्घाटन खो खो विश्व कप फाइनल में गणमान्य लोगों की शानदार उपस्थिति ने इस ऐतिहासिक खेल आयोजन को चार चांद लगा दिए। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पंकज मिथल और माननीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। पूर्व खेल एवं युवा कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने अंदाज में खिलाड़ियों और आयोजकों का उत्साह बढ़ाया।
इस शानदार फाइनल के लिए ओडिशा के खेल एवं युवा सेवा और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज, अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल जी भी मौजूद थे। उनकी उपस्थिति ने खो-खो की पारंपरिक भारतीय खेल से वैश्विक घटना बनने और ओलम्पिक खेल बनने की यात्रा में इस मील के पत्थर के आयोजन के महत्व को दर्शाया।

 

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