सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन में एम. रघु और देविका ने जीते एकल खिताब
86वीं राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा में हरियाणा की बेटी का जलवा
खेलपथ संवाद
बेंगलुरू। कर्नाटक के एम. रघु और हरियाणा की देविका सिहाग ने मंगलवार को 86वीं राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पहली बार क्रमश: पुरुष और महिला एकल खिताब जीते। रघु ने बेहद करीबी फाइनल में पूर्व चैम्पियन मिथुन मंजूनाथ के खिलाफ तीन मैच प्वाइंट बचाते हुए एक घंटे से कुछ कम समय में 14-21, 21-14, 24-22 से जीत दर्ज की। देविका ने सत्र का शानदार अंत करते हुए फॉर्म में चल रही श्रियांशी वलिशेट्टी को सीधे गेम में 21-15, 21-16 से हराकर महिला एकल खिताब जीता।
जूनियर राष्ट्रीय चैम्पियन अर्श मोहम्मद और संस्कार सारस्वत ने पुरुष युगल फाइनल में उलटफेर करते हुए नवीन पी और लोकेश वी की शीर्ष वरीय जोड़ी को 21-12, 12-21, 21-19 से हराया। मिश्रित युगल में आयुष अग्रवाल और श्रुति मिश्रा जबकि महिला युगल में आरती सारा सुनील और वर्षिणी वीएस की दूसरी वरीय जोड़ी चैम्पियन बनी। हरियाणा की 19 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी देविका सिहाग ने योनेक्स सनराइज 86वीं राष्ट्रीय सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा में महिला एकल खिताब जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। देविका ने महिला एकल फाइनल में तेलंगाना की श्रियांशी वलिशेट्टी को 35 मिनट में 21-15, 21-16 से हराया। यह जीत उनके लिए खास रही, क्योंकि उन्होंने लगातार तीसरी बार यह खिताब जीता है।
पहले गेम में देविका ने 10-3, 13-8 और 15-11 की बढ़त से शानदार प्रदर्शन किया, जबकि दूसरे गेम में थोड़ी परेशानी का सामना करने के बावजूद उन्होंने 8-10 से पिछड़ने के बाद 11-10 की बढ़त बनाई और फिर 14-11, 16-12, और 18-16 के साथ मैच जीत लिया। इस जीत के बाद हरियाणा बैडमिंटन संगठन के सचिव अजय सिंघानिया ने उन्हें 5 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की।
देविका की यह जीत सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि हरियाणा के लिए भी गर्व का पल है, क्योंकि पिछले तीन सालों से हरियाणा की खिलाड़ी इस खिताब पर कब्जा जमाती आ रही है। इस साल के पहले भी अनुपमा उपाध्याय और पिछले साल अनमोल खरब ने यह खिताब जीता था।
देविका ने 2022 में राष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन स्पर्धा में भी 24 दिसंबर को पंजाब की तनवी शर्मा को हराकर बालिका एकल खिताब जीता था और अब 2024 के 24 दिसम्बर को उन्होंने सीनियर स्तर पर यह सफलता हासिल की। देविका ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि शुरुआत में उन्हें विश्वास था कि वह जीत सकती हैं, लेकिन मैच दर मैच उनका आत्मविश्वास और बढ़ा। वह बताती हैं कि स्पर्धा से एक दिन पहले वह फिसल गई थीं, जिससे थोड़ा दर्द हुआ था, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे खुद को ठीक कर लिया।
देविका पादुकोण बैडमिंटन अकादमी, बैंगलुरु में उमेंद्र राणा और सागर चोपड़ा से प्रशिक्षण ले रही हैं। उनका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा लेकर अपनी विश्व रैंकिंग सुधारना है। इस साल, उन्होंने चार अंतरराष्ट्रीय सीरीज फाइनल में जगह बनाई और पुर्तगाल और स्वीडिश ओपन सीरीज खिताब जीते। देविका के माता-पिता, सुनील मान और वकील अजीत सिहाग, अपनी बेटी की इस सफलता से बेहद खुश हैं और उनका मानना है कि देविका आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में भी भारत का नाम रोशन करेगी।