ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की उम्मीद बनकर उभरे नीतीश रेड्डी
विपरीत परिस्थितियों में भी आक्रामक बैटिंग कर किया प्रभावित
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुना गया था तब किसी को यह आभास भी नहीं था कि वह टीम के लिए इस दौरे पर सबसे उपयोगी ऑलराउंडर बन जाएंगे। आंध्र प्रदेश के नीतीश ने आईपीएल में अपने बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया था और उन पर भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर की नजर थी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गंभीर अंतिम एकादश में एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर चाहते थे जो कुछ ओवर के अपने मुख्य तेज गेंदबाजों को आराम दे सके और जरूरत पड़ने पर विकेट भी निकाल दें। इसके अलावा निचले क्रम पर बल्लेबाजी करके उपयोगी रन टीम के लिए बटोरे।
नीतीश ने अभी तक यह काम बखूबी तौर पर किया है। उन्होंने टीम के लिए अभी तक छोटी लेकिन उपयोगी पारियां खेली हैं। यहां तक कि पर्थ टेस्ट में लाबुशाने का विकेट लेकर टीम को बड़ी सफलता भी दिलाई थी। उन्होंने अपने प्रदर्शन से अभी तक टीम प्रबंधन को प्रभावित किया है जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी परेशान किया है। इस दौरे पर बल्लेबाजी में उनका रवैया चर्चा का विषय है। उन्होंने गुलाबी गेंद के टेस्ट में मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड पर दर्शनीय छक्के लगाए थे।
ऑस्ट्रेलिया आने से पहले उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करियर भी अच्छा रहा है। वह निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं और ऐसे में उन्हें बड़ी पारियां खेलने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं। इसके बावजूद वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छा करने में सफल रहे हैं। वह 25 फर्स्ट क्लास मैचों में 942 रन बना चुके हैं जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 159 रन का रहा है। इसके अलावा उन्होंने इतने ही मैचों में 58 विकेट चटकाए हैं। उनका एक पारी में श्रेष्ठ स्कोर 53 रन देकर पांच विकेट है जबकि मैच में श्रेष्ठ प्रदर्शन 119 रन देकर आठ विकेट है।
आक्रामक अंदाज में खेली गईं पारियों ने खींचा ध्यान
नीतीश की तारीफ टीम के सहायक कोच रेयान टेन डेशकाटे भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा, रेड्डी ने वो सबकुछ किया है जो एक युवा खिलाड़ी इतने कम समय में कर सकता है और हमें लगता है कि उनमें काफी संभवानाएं हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेज गेंदबाजों को खेलना काफी मुश्किल है, लेकिन वह किसी गेंदबाज के समाने संघर्ष करते नहीं दिखे। उन्होंने टीम के अनुभवी स्पिनर नाथन लियोन को भी निशाने पर लिया था और उनकी आठ गेंदें पर तीन चौके लगाए थे।
दूसरे टेस्ट में स्टार्क ने उन्हें शॉट खेलने के लिए गेंद थोड़ी बाहर की तरफ डाली और रेड्डी ने गेंद को बाउंड्री के पार भेज दिया रेड्डी ने बोलैंड को अपरंपरागत शॉट खेलते हुए रिवर्स स्वीप कर दिया और गेंद छक्के के लिए गई। पर्थ में तैयारी के दौरान एक तरफ जहां यह लग रहा था कि उन्हें कुछ पहलुओं पर काम करने की जरूरत है वहां से जिस तरह से उन्होंने मैच में प्रदर्शन किया वो प्रशंसनीय है। पहले मैच में हमारा 150 के स्कोर तक पहुंचना बेहतरीन था। उन्हें अभी भी काफी काम करना है लेकिन एक 21 वर्षीय युवा का इस अंदाज में तीन पारियां खेलना काफी उत्साहित करने योग्य है।
चार वर्ष पहले शुरू किया पेशेवर क्रिकेट
चार वर्ष पहले ही 21 साल के रेड्डी ने पेशेवर क्रिकेट खेलना शुरू किया है। भविष्य की योजनाओं को देखते हुए टीम प्रबंधन पर उन पर दांव लगा रहा है। हार्दिक पंड्या लाल गेंद के क्रिकेट में कम खेल रहे हैं जबकि शार्दुल ठाकुर 33 वर्ष के होने के कारण फिट नहीं बैठ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रेड्डी चार में से तीन पारियों में आक्रामक शॉट् खेलते हुए ही आउट हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया में मेहमान टीम के लिए निचले क्रम के बल्लेबाजों के रन काफी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में नीतीश का सातवें नंबर पर आकर रन बनाना टीम के लिए काफी अहम रहेगा। अब गाबा में भी तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर भी नीतीश की बल्लेबाजी पर सभी का ध्यान रहेगा।
गुलाबी गेंद के दिन-रात्रि क्रिकेट टेस्ट में 10 विकेट की करारी हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय बल्लेबाजों ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में वापसी के लक्ष्य के साथ मंगलवार को यहां लाल गेंद से कड़े नेट सत्र में हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया की टीम शनिवार से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट के लिए ब्रिसबेन पहुंच गई है, लेकिन भारतीय टीम ने लाल गेंद के अपने कौशल को निखारने पर ध्यान देने के लिए यहीं रुकने का फैसला किया।