आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्य नहीं लेंगे यात्रा भत्ता

पेरिस ओलम्पिक के एथलीटों से अधिक भत्ता लेने से होगी छवि खराब
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने पेरिस ओलम्पिक के दौरान यात्रा भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है। परिषद के सदस्यों को इस बात की चिंता है कि अगर वे पेरिस ओलम्पिक के लिए एथलीटों से अधिक भत्ता लेंगे तो उनकी छवि को नुकसान होगा। वे विदेश यात्रा के लिए सरकारी धन पर निर्भर नहीं हैं क्योंकि सभी सदस्य ‘अच्छी पृष्ठभूमि’ से आते हैं।
बजट अनुमान के मुताबिक आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्यों को प्रतिदिन 300 डॉलर (लगभग 25,000 रुपये) मिलने थे। सदस्यों को उनकी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान आवास के लिए प्रतिदिन अतिरिक्त 1000 डॉलर (लगभग 84,000 रुपये) भी मिलने थे। ओलम्पिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का भत्ता प्रति दिन 50 डॉलर तय किया गया था, जबकि ओलम्पिक क्वालीफिकेशन हासिल करने के लिए प्रत्येक खिलाड़ी के लिए अलग से दो लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई थी। परिषद के सदस्यों को चिंता थी कि खिलाड़ियों से अधिक भत्ता लेने पर जनता में गलत संदेश गया है।
उन्होंने रविवार को शहर के एक होटल में आयोजित भारतीय दल की विदाई समारोह के कार्यक्रम से पहले इस बारे में चर्चा की। एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हां, हमने इस मुद्दे पर चर्चा की। अधिकांश सदस्य इस बात पर सहमत थे कि हमें यह भत्ता स्वीकार नहीं करना चाहिए। इससे जनता में गलत संदेश गया है और इसे सुधारने की जरूरत है।’ आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा ने बजट को मंजूरी के लिए सभी सदस्यों से मंजूरी मांगी थी लेकिन कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने अंतिम मंजूरी से पहले चर्चा के लिए परिषद की बैठक बुलाने की मांग की थी। हम आपको बता दें कि आईओए की कार्यकारी परिषद में 15 सदस्य हैं, जिनमें एथलीट आयोग के दो प्रतिनिधि भी शामिल हैं। 
नाम न बताने की शर्त पर कार्यकारिणी के एक सदस्य ने बताया, "हां, हमने इस मुद्दे पर चर्चा की। अधिकांश सदस्य इस बात पर सहमत थे कि हमें यह भत्ता स्वीकार नहीं करना चाहिए। जनता में गलत संदेश गया है और इसे सुधारने की जरूरत है।" "वास्तव में, सभी ईसी सदस्य आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं। उन्हें ऐसी यात्राओं के लिए सरकारी धन पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। हममें से प्रत्येक इसे आसानी से प्रबंधित कर सकता है और यह एक हजार-डेढ़ हजार डालर की राशि हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती है।"
"हमारे वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटेल गुजरात राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष हैं और अन्य सदस्य भी आर्थिक रूप से मजबूत हैं। क्या आपको लगता है कि हम ऐसी राशि पर निर्भर हैं? ईमानदारी से, हम सरकारी धन पर निर्भर नहीं हैं।" सदस्य ने यह भी दावा किया कि डीए राशि को 150 डॉलर से बढ़ाकर 300 डॉलर नहीं किया गया, जैसा कि रिपोर्ट किया गया है। सदस्य ने कहा, "यदि आप विवरण की जांच करें तो पाएंगे कि टोक्यो में भी महंगाई भत्ते की राशि 300 डॉलर थी, लेकिन खेलों के इस संस्करण के लिए इसे नहीं बढ़ाया गया। यह गलत रिपोर्ट दी गई कि इस संस्करण के लिए राशि दोगुनी कर दी गई है।"

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