एआईएफएफ ने पूर्व मुख्य कोच स्टिमैक को दी चेतावनी

कहा- 'सभी टिप्पणियों का अगले 48 घंटे में देंगे जवाब'
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मुख्य कोच इगोर स्टिमैक और अखिल भारतीय फुटबॉल संघ के बीच विवाद कम नहीं हो रहा है। स्टिमैक ने भारत में फुटबॉल की खराब स्थिति के लिए एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह जब तक रहेंगे इस खेल का भला नहीं होगा। अब एआईएफएफ ने भी उन्हें चेतावनी दी है कि वह 48 घंटे में सभी आरोपों का जवाब देगा।
दिग्गज ने हेड कोच पद से बर्खास्त किए जाने के बाद एआईएफएफ को चेतावनी दी है कि 10 दिन में उनका बकाया भुगतान नहीं किया गया तो वह फीफा ट्रिब्यूनल में उसके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे। इसके अलावा स्टिमैक ने एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे पर भड़ास निकालते हुए उनका अनुबंध कई बार तोड़ने का आरोप लगाया। इसके अलावा उन्होंने क्वालिफायर में भारत के दूसरे दौर से आगे नहीं जा पाने के लिए चौबे को ही जिम्मेदार ठहराया। अब बोर्ड ने उन्हें अगले 48 घंटे में कार्रवाई की चेतावनी दी है।
दरअसल, हाल ही में हुए फीफा विश्व कप 2024 क्वालिफायर में टीम इंडिया का प्रदर्शन खराब रहा था। इसके बाद एआईएफएफ ने स्टिमैक को हेड कोच पद से बर्खास्त कर दिया था। भारतीय टीम ने दूसरे राउंड में कुवैत से ड्रॉ खेला था, जबकि कतर से अहम मुकाबले में हार गई थी। ऐसे में टीम इंडिया ने पहली बार फीफा विश्व कप क्वालिफायर के तीसरे दौर में जगह बनाने का मौका गंवा दिया था।
एआईएफएफ ने शुक्रवार को स्टिमैक की प्रेस कांफ्रेंस के बाद जारी एक बयान में कहा, "हमारे संज्ञान में आया है कि भारतीय पुरुष टीम के पूर्व मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने एआईएफएफ और उसके कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के कामकाज से संबंधित मीडिया में कुछ टिप्पणियां की हैं। एआईएफएफ अगले 48 घंटों में इस संबंध में एक बयान जारी करेगा।" स्टिमैक ने कहा कि भारतीय फुटबॉल ‘कैद’ है जिसके लिए उन्होंने चौबे को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान ‘झूठ और अधूरे वादों से तंग आ चुके थे’। इससे पहले स्टिमैक ने कहा था कि 'कल्याण चौबे जितनी जल्दी एआईएफएफ छोड़ेंगे, भारतीय फुटबॉल के लिए उतना ही बेहतर होगा।' उन्होंने कहा, "कल्याण सिर्फ लोकप्रिय होने के बारे में चिंतित रहते हैं। हाल में मीडिया बैठकों से भी यह पता चलता है। वह एक नेता हैं लेकिन कोलकाता तक में उन्हें कोई नहीं जानता। हमें भारतीय फुटबॉल का नेतृत्व करने के लिए किसी मजबूत और प्रभावशाली व्यक्ति की जरूरत है।"

 

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