विश्व शतरंज चैम्पियनशिप की मेजबानी हासिल करने के प्रयास तेज

डी. गुकेश की जीत के बाद एआईसीएफ सचिव देव पटेल फिडे से करेंगे चर्चा
खेलपथ संवाद
चेन्नई।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जीतने के बाद अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के सचिव देव पटेल ने कहा कि भारत गुकेश और गत चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन के बीच साल के अंत में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप के मेजबानी अधिकार हासिल करने के लिए बोली लगाएगा। भारतीय ग्रैंडमास्टर ने टोरंटो में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का खिताब जीतकर गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ा था। वह 40 साल पहले महान गैरी कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए।
लिरेन और 17 वर्षीय गुकेश के बीच विश्व चैंपियनशिप के मुकाबले के तारीख और आयोजन स्थल की घोषणा अब तक नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों खिलाड़ियों के बीच साल के अंत में यह चैंपियनशिप होगी। अब एआईसीएफ के सबसे युवा सचिव देव पटेल ने इस बात की जानकारी दी है कि महासंघ इस चैम्पियनशिप की बोली लगाने के इच्छुक है। देव ने कहा, 'हम शतरंज की वैश्विक संस्था फिडे से इस बारे में चर्चा करेंगे और हमारी कोशिश रहेगी कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चैम्पियनशिप का आयोजन भारत में ही हो। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य फिडे को विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी का प्रस्ताव देना ही नहीं, बल्कि देश में शतरंज को लोकप्रिय खेल बनाना है।' देव ने कहा कि एआईसीएफ शीघ्र ही इस मामले को लेकर फिडे से सम्पर्क करेगा। उनके अनुसार, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश इस चैम्पियनशिप की मेजबानी करने की दौड़ में शामिल हैं। 
'मुझे खिलाड़ियों की जरूरत के बारे में पता है'
पिछले महीने एआईसीएफ के सचिव का पद संभालने वाले देव ने बताया कि उन्हें इस बात का पूरा अंदाजा है कि खिलाड़ियों को किन चीजों की जरूरत होती है। गुजरात संघ में अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, मैं इस खेल की जटिलताओं को समझता हूं और यह भी जानता हूं कि गुकेश या अन्य किसी स्टार खिलाड़ी को बनाने के लिए उनके माता-पिता, कोच और अन्य सहायक लोगों को वाकई बहुत कुछ करना पड़ता है।

 

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