तनुष कोटियान और तुषार देशपांडे ने रचा इतिहास

मुंबई के लिए 10वें और 11वें नम्बर के बल्लेबाजों ने लगाया शतक
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
मुंबई के खिलाड़ी तनुष कोटियान और तुषार देशपांडे ने रणजी ट्रॉफी में इतिहास रच दिया। दोनों ने बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में शतक लगाया। खास बात है यह कि तनुष ने 10वें और तुषार ने 11वें नम्बर बल्लेबाजी करते हुए सैकड़ा लगाया। रणजी ट्रॉफी में पहली बार ऐसा हुआ है। मुंबई और बड़ौदा के बीच यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ। मुंबई को पहली पारी में 36 रन की बढ़त मिली। इस आधार पर उसने सेमीफाइनल में जगह बना ली। 
मुंबई ने पहली पारी में 384 रन बनाए थे। वहीं, बड़ौदा ने 348 रन बनाए। इस तरह मुंबई की टीम को 36 रन की बढ़त मिली। दूसरी पारी में उसने तनुष और तुषार के शतक की बदौलत 569 रन बनाए। बड़ौदा को जीत के लिए 606 रन का लक्ष्य मिला। उसने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 121 रन बनाए और मैच पांचवें दिन ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
मुंबई के 337 रन पर नौ विकेट गिर गए थे। यहां से तनुष और तुषार ने पारी को संभाला और बड़ौदा के गेंदबाजों को हैरान कर दिया। दोनों ने 10वें विकेट के लिए 232 रन की साझेदारी की। तनुष कोटियान ने 115 गेंद पर नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया। वह 129 गेंद पर 120 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने कुल 10 चौके और चार छक्के लगाए। तुषार देशपांडे ने 112 गेंदों पर शतक पूरा किया। वह 129 गेंद पर 123 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने 10 चौके और आठ छक्के लगाए। दोनों बल्लेबाजों ने प्रथम श्रेणी में अपना पहला शतक लगाया।
1946 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शतक लगाया है। पिछली बार चंदू सरवटे और शुते बनर्जी की जोड़ी ने ऐसा किया था। सरवटे और बनर्जी ने 1946 में ओवल के मैदान पर सरे बनाम इंडियंस मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।
कोटियान और देशपांडे की साझेदारी भी केवल तीसरी बार है जब किसी भारतीय जोड़ी ने आखिरी विकेट के लिए 200 से अधिक की साझेदारी की है। देशपांडे नंबर 11 पर  बल्लेबाजी करते हुए प्रथम श्रेणी शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज भी बने। उन्होंने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक स्कोर करने का भी भारतीय रिकॉर्ड बनाया। उनसे पहले शुते बनर्जी ने 121 रन की पारी खेली थी। 
तनुष और तुषार ने 10वें विकेट के लिए 232 रन की साझेदारी। इस क्रम पर भारत के लिए प्रथम श्रेणी में यह तीसरी बड़ी साझेदारी है। चंदू सरवटे और शुते बनर्जी ने सरे के खिलाफ 249 रन जोड़े थे। दिल्ली के लिए अजय शर्मा और मनिंदर सिंह ने 1991-92 में मुंबई के खिलाफ 233 रन की साझेदारी की थी। अजय शर्मा ने नाबाद 259 और मनिंदर ने 78 रन बनाए थे। उस मैच में दिल्ली ने मुंबई को पहली पारी में बढ़त के आधार पर हराया था।

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