मुंबई इंडियंस की नई स्टार बनीं सजीवन सजना

केरल की बाढ़ में सबकुछ हुआ था तबाह, फिर भी नहीं मानी हार
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु।
महिला प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन का पहला मुकाबला काफी रोमांचक हुआ। मुंबई इंडियंस ने बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियन में दिल्ली कैपिटल्स को आखिरी गेंद तक चले मुकाबले में हराया। मुंबई ने चार विकेट से जीत हासिल की। उसके लिए आखिरी गेंद पर दाएं हाथ की बल्लेबाज सजीवन सजना ने विजयी छक्का लगाया। उसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही है।
महिला टी20 इतिहास में सजना ने एक खास रिकॉर्ड भी बनाया। वह मैच की आखिरी गेंद पर पहली बार बल्लेबाजी की और छक्का मारकर मुकाबला जीत लिया। ऐसा महिला टी20 इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने किया। सजना जब बल्लेबाजी के लिए आई तो मुंबई को जीत के लिए एक गेंद पर पांच रन बनाने थे। सजना ने आते ही छक्का लगा दिया। संयोग से महिला प्रीमियर लीग में सजना पहली बार बल्लेबाजी के लिए उतरी थीं।
सजना ने डब्ल्यूपीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए यास्तिका भाटिया के साथ एक इंटरव्यू में बताया, ''मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि वास्तव में साधारण थी। शुरुआत में मेरे पास यात्रा करने के लिए पैसे नहीं थे। जब मुझे अपने जिले के लिए खेलने के लिए चुना गया, तो मैंने प्रति दिन 150 रुपये कमाना शुरू कर दिया। वह मेरे लिए बहुत बड़ी रकम थी। फिर यह 150, 300 और 900 तक पहुंच गया। मैं अपने माता-पिता के लिए खुश महसूस करना चाहती थी।''
केरल की रहने वाली हैं सजना
29 साल की सजना को मुंबई इंडियंस ने नीलामी में 10 लाख रुपये में खरीदा था। वह ऑलराउंडर की भूमिका निभाती हैं। सजना दाएं हाथ से बल्लेबाजी के साथ-साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करती हैं। सजना केरल के वायनाड की रहने वाली हैं। उन्हें अब तक भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है। सजना ने केरल का प्रतिनिधित्व किया है। सजना के पिता सजीवन ऑटो चालक हैं। उनकी मां शारदा पार्षद हैं। सजना के लिए 2018 में काफी मुश्किल समय आया था। केरल में तब भयंकर बाढ़ आई थी और सजना ने सबकुछ गंवा दिया था। एक समय तक जब उनके पास एक जगह से दूसरे जगह जाने के पैसे नहीं थे। जिला स्तर पर खेलने के बाद उन्हें पैसे मिलने लगे। इससे उनका घर भी चला।
सजना को दो बार मिला यह पुरस्कार
इस खिलाड़ी ने 18 साल की उम्र तक तो असली बल्ला भी नहीं पकड़ा था। वह प्लास्टिक और नारियल की लकड़ी से बने बल्ले का इस्तेमाल करती थी। उसके बाद उन्हें सही बल्ला मिला और उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। सजना दो बार केरल की महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुनी जा चुकी हैं। उन्हें 2015 और 2017 में यह पुरस्कार मिला था। सजना महिला प्रीमियर लीग में खेलने वाली कुरिचिया जनजाति की दूसरी क्रिकेटर हैं। उनसे पहले मिन्नू मणि को खेलने का मौका मिला था।

रिलेटेड पोस्ट्स