डेकाथलॉन में तेजस्विन शंकर की चांदी

1974 के बाद पहली बार किसी भारतीय पुरुष एथलीट ने जीता पदक
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
भारत के तेजस्विन शंकर ने हांगझोऊ एशियाई खेलों में पुरुषों के डेकाथलॉन स्पर्धा में रजत पदक जीता। डेकाथलॉन एक 10 इवेंट की प्रतियोगिता है। इसमें पहले दिन पुरुष 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, शॉटपुट, ऊंची कूद और 400 मीटर दौड़ में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि दूसरे दिन 110 मीटर बाधा दौड़, डिस्कस थ्रो, पोल वॉल्ट, भाला फेंक और 1500 मीटर स्पर्धा करते हैं। 
तेजस्विन ने इन सभी प्रतियोगिताओं को मिलाकर कुल 7666 अंक अर्जित कर सके और दूसरे स्थान पर रहे। चीन के किहाओ सुन 7816 अंक लेकर पहले स्थान पर रहे। जापान के यूमा मरुयामा 7568 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। तेजस्विन ने एशियाई खेलों के लिए अपनी प्रतिस्पर्धा बदली थी। वह पहले ऊंची कूद में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस बार डेकाथलॉन में हिस्सा लिया।
सोमवार को तेजस्विन ने पुरुषों के 100 मीटर दौड़ में 11.12 सेकंड का समय लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। इसमें उन्हें 834 अंक मिला था। इसके बाद लंबी कूद में 7.37 मीटर कूदकर वह पहले स्थान पर रहे थे। इसमें उन्हें 903 अंक मिले थे। शॉटपुट में 13.39 मीटर गोला फेंक कर वह पांचवें स्थान पर रहे थे। इसमें उन्हें 691 अंक मिले थे।
ऊंची कूद में तेजस्विन ने 2.21 मीटर की छलांग लगाई और पहले स्थान पर रहे। इसमें उन्हें 1002 अंक मिले। सोमवार को डेकाथेलॉन के आखिरी इवेंट 400 मीटर दौड़ में तेजस्विन शंकर 49.67 सेकंड का समय लेकर पहले स्थान पर रहे थे। इसके लिए उन्हें 830 अंक मिले। यानी सोमवार को लंबी कूद, ऊंची कूद और 400 मीटर दौड़ में तेजस्विन पहले स्थान पर रहे थे। 
मंगलवार को 110 मीटर बाधा दौड़ से डेकाथेलॉन की शुरुआत हुई। इस स्पर्धा में वह 14.78 सेकेंड का समय लेकर पांचवें स्थान पर रहे थे। इसके लिए उन्हें 876 अंक मिले थे। डिस्कस थ्रो में तेजस्विन ने 39.28 मीटर दूर थ्रो किया और तीसरे स्थान पर रहे थे। इसके लिए उन्हें 650 अंक मिले थे। पोल वॉल्ट में तेजस्विन 4.10 के जंप के साथ छठे यानी आखिरी स्थान पर रहे थे। इसके लिए उन्हें 645 अंक मिले थे।
भाला फेंक में तेजस्विन ने 51.17 मीटर दूर भाला फेंक कर पांचवां स्थान हासिल किया। इसके लिए उन्हें 606 अंक मिले। डेकाथेलॉन का आखिरी इवेंट 1500 मीटर दौड़ था, जिसमें 4:48:32 मिनट का समय लेकर तेजस्विन चौथे स्थान पर रहे। इसके लिए उन्हें 629 अंक मिले। इस तरह कुल 7666 अंक लेकर वह दूसरे स्थान पर रहे और रजत जीता।
पुरुषों के डेकाथलॉन में भारत को पिछला पदक 1974 में मिला था। जब विजय सिंह चौहान ने स्वर्ण और सुरेश बाबू ने कांस्य पदक हासिल किया था। तेजस्विन ने 49 साल के सूखे को खत्म किया। 1974 से पहले भारत को 1951 दिल्ली एशियाई खेलों में खुर्शीद अहमद ने कांस्य, 1954 मनीला एशियाई खेलों में रोनी ओ ब्रायन ने कांस्य, 1962 जकार्ता एशियाई खेलों में गुरबजन सिंह रंधावा ने स्वर्ण दिलाया था। 

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