17 साल की पलक गुलिया बनीं गोल्डन गर्ल

चार साल पहले ही शूटिंग चुनी, ओलम्पिक पदक जीतना है सपना
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियाई खेलों में हरियाणा के झज्जर की पलक गुलिया ने इतिहास रच दिया। 17 साल की इस निशानेबाज ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। पलक की जीत से उनके गांव के साथ साथ पूरे देश में खुशी का माहौल है। उनके घर पर परिजनों ने मिठाइयां बांटीं और पटाखे जलाकर खुशियां मनाईं।
पलक ने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीता, बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल की टीम स्पर्धा में ईशा (579), पलक (577) और टीएस दिव्या (575) ने कुल 1731 का स्कोर कर रजत जीता। चीन ने 1736 के साथ स्वर्ण जीता। इसी के साथ ईशा और पलक ने व्यक्तिगत मुकाबलों के लिए क्वालिफाई किया। व्यक्तिगत स्पर्धा में पलक ने अपना पहला ही शॉट 9.1 का लगाया। पलक ने कहा कि वह इस शॉट के बाद नर्वस हो गईं लेकिन उन्होंने अपने को समझाया कि अभी 23 शॉट और पड़े हैं और पूरा मैच पड़ा हैै। उन्होंने अपने से कहा कि आप एक शॉट की वजह से पूरा मैच प्रभावित नहीं कर सकते हो।
इसके बाद पलक ने वापसी की अंत में नंबर एक की जगह पर पहुंच गईं, जिसे उन्होंने अंत तक कायम रखा। उन्होंने 242.1 का स्कोर कर गेम्स रिकॉर्ड बनाया। पलक ने कहा कि वह अपने क्वालिफिकेशन के स्कोर 577 से खुश नहीं है। उन्होंने अपने प्रदर्शन को 10 में से नौ नंबर दिए। ईशा ने 239.7 का स्कोर कर रजत जीता। 17 वर्षीय पलक झज्जर जिले के निमाणा गांव की रहने वाली हैं। उनके पैतृक गांव में लोग फुले नहीं समा रहे हैं। गांव के सरपंच और पलक के चाचा ने कहा है कि बेटी के हांगझोऊ से आने पर ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया जाएगा।
पलक की चचेरी बहन का कहना है कि वह बचपन से ही काफी मेहनती रही हैं। खेल ही नहीं पलक पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं। चचेरी बहन ने बताया कि पलक का सपना ओलंपिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतना और देश का नाम रोशन करना है। इसके लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हैं। एशियाई खेलों में स्वर्ण उसकी मंजिल की एक सीढ़ी है। आने वाले समय में वह और पदक जीतकर देश को जरूर गौरवान्वित करेगी।
पलक ने चार साल पहले ही निशानेबाजी चुनी थी और इसमें करियर बनाने का सोचा था। स्कूल में खेलों में हिस्सा लेना अनिवार्य था और इसी के चलते उन्होंने शूटिंग को अपनाया। अब चार साल बाद पलक ने एशियाई खेलों जैसे बड़े महाद्विपीय प्रतियोगिता में स्वर्ण जीत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। फिलहाल पलक गुरुग्राम में अपने पिता के साथ रहती हैं।
विश्व कीर्तिमान के साथ ऐश्वर्य, स्वप्निल, अखिल की तिकड़ी ने जीता सोना
निशानेबाजों की यंग ब्रिगेड एशियाई खेलों में एक बार फिर स्वर्णिम प्रदर्शन की छाप छोड़ दी। 17 साल की पलक गुलिया के अलावा ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, स्वप्निल कुसाले, अखिल श्योराण की तिकड़ी ने 50 मीटर थ्री पोजिशन में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता।
ऐश्वर्य ने इस इवेंट के व्यक्तिगत मुकाबले में रजत जीतकर इन एशियाई खेलों में अपने पदकों की संख्या चार कर ली। वह दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ इन एशियाई खेलों में अब तक सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। यही नहीं ईशा सिंह ने पलक के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल में रजत जीता। इससे पहले पलक, ईशा और टीएस दिव्या की तिकड़ी ने इस स्पर्धा की टीम इवेंट का रजत भी जाता।
ईशा के भी इन एशियाई खेलों में पदकों की संख्या चार (एक स्वर्ण, तीन रजत पदक) हो गई हैं। 2006 के दोहा एशियाई खेलों में जसपाल राणा ने चार पदक (तीन स्वर्ण और एक रजत) जीते थे। उसके बाद यह पहली बार है जब भारतीय निशानेबाजों ने एक खेल में चार पदक जीते हैं।
क्वालिफाइंग में पहले, दूसरे स्थान पर रहे स्वप्निल, ऐश्वर्य
50 मीटर थ्री पोजिशन के टीम इवेंट में ऐश्वर्य, स्वप्निल और अखिल श्योराण का पूरी तरह दबदबा रहा। स्वप्निल, ऐश्वर्य, स्वप्निल ने क्वालिफाइंग में 591-591 का और अखिल ने 587 का स्कोर किया। तीनों ने 1769 का स्कोर कर विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण जीता। इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल टीम में ऐश्वर्य, दिव्यांश और रुद्रांक्ष ने और सिफ्त कौर समरा ने 50 मीटर थ्री पोजिशन के फाइनल का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। चीन यहां भारत से छह अंक पीछे था।
पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुके स्वप्निल, ऐश्वर्य क्वालिफाइंग में पहले और दूसरे स्थान पर रहकर व्यक्तिगत मुकाबले के फाइनल में पहुंचे। अखिल भी पांचवें स्थान पर रहे, जबकि शीर्ष आठ शूटरों को फाइनल में प्रवेश मिलता है, लेकिन एशियाई खेलों के नियम के अनुसार एक देश के दो ही शूटर फाइनल खेल सकते हैं। ऐसे में अखिल को बाहर होना पड़ा।
स्वप्निल के एक खराब शॉट ने उनसे छीना पदक
स्वप्निल फाइनल में जबरदस्त फॉर्म में थे और लंबे समय से बड़ी बढ़त के साथ शीर्ष पर चल रहे थे, लेकिन स्टैंडिंग पोजिशन में उनका निशाना 7.6 पर लग गया। वह पहले से पांचवें स्थान पर आ गिरे। अंत में वह चौथे स्थान पर रहे। अंतिम शॉट पर ऐश्वर्य और चीन के दू लिनशू के बीच मुकाबला था। लिनशू .7 की बढ़त पर थे। यहां लिनशू ने 9.8 और ऐश्वर्य ने 9.7 का स्कोर किया। लिनशू ने 460.6 के साथ स्वर्ण और ऐश्वर्य ने 459.7 के साथ रजत जीता। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत में भी कांस्य जीता था। 10 और 50 के टीम स्वर्ण भी उन्होंने जीते।

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