रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी पर संकट के बादल

टीम इंडिया को मिल सकता है नया नेतृत्व
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत के कप्तान रोहित शर्मा विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हार के बाद चयनकर्ताओं के निशाने पर हैं। रोहित शर्मा आगामी वेस्टइंडीज दौरे पर कप्तान के रूप में तो जाएंगे, लेकिन उनके ऊपर काफी दबाव होगा। विंडीज में दो टेस्ट के दौरान रोहित की बल्लेबाजी पर सबकी नजर रहेगी। अगर वह पोर्ट ऑफ स्पेन या डोमिनिका में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहते हैं तो टेस्ट टीम के कप्तान के पद से हटाए जा सकते हैं।
रोहित वेस्टइंडीज में दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का नेतृत्व करेंगे और फिर शायद बीसीसीआई के साथ बैठक करेंगे। उसी बैठक में टेस्ट क्रिकेट में अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। अगर भारतीय टीम के घटनाक्रम से वाकिफ लोगों की मानें तो जब तक रोहित खुद वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमिनिका में 12 जुलाई से शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज से दूर रहने का फैसला नहीं करते, तब तक वह टीम का नेतृत्व करेंगे।
वेस्टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 मैचों की सीरीज खेलेगी। पहला टेस्ट डोमिनिका में 12 जुलाई और दूसरा टेस्ट पोर्ट ऑफ स्पेन में 20 जुलाई से खेला जाएगा। अगर रोहित दोनों टेस्ट में कम से कम एक बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहते हैं तो बीसीसीआई के अधिकारियों और राष्ट्रीय चयन समिति पर कड़ा फैसला लेने का दबाव होगा।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ''ये निराधार बातें हैं कि रोहित को कप्तानी से हटा दिया जाएगा। हां, क्या वह पूरे दो साल के डब्ल्यूटीसी चक्र में कप्तान रहेंगे? यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि 2025 में तीसरा संस्करण समाप्त होने पर वह लगभग 38 साल के रहेंगे। फिलहाल मेरा मानना है कि शिव सुंदर दास और उनके सहयोगियों को दो टेस्ट के बाद और उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को देखते हुए फैसला करना होगा।''
दिसम्बर में मिल सकता है नया टेस्ट कप्तान
दरअसल, बीसीसीआई अन्य खेल संगठनों से बहुत अलग तरीके से काम करता है। भारतीय बोर्ड में सत्ता में बैठे लोगों का मानना है कि जब आलोचना चरम पर पहुंच जाती है तो आप निर्णय नहीं लेते हैं। सूत्र ने आगे कहा, ''वेस्टइंडीज के बाद हमारे पास दिसम्बर के अंत तक कोई टेस्ट नहीं है। दिसम्बर में टीम दक्षिण अफ्रीका जाएगी। ऐसे में चयनकर्ताओं के पास विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है। तब तक पांचवां चयनकर्ता (नया अध्यक्ष) भी पैनल में शामिल हो जाएगा और फैसला लिया जा सकता है।''
विराट कोहली ने जब दक्षिण अफ्रीका में सीरीज हार के बाद टेस्ट कप्तानी छोड़  थी तो रोहित शुरू में इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए उत्सुक नहीं थे। उन्हें नहीं पता था कि उनका शरीर साथ देगा या नहीं। सूत्र ने कहा, "उस समय के दो शीर्ष लोगों (पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह) को केएल राहुल के दक्षिण अफ्रीका में कप्तान के रूप में प्रभावित नहीं कर पाए थे। राहुल के विफल रहने के बाद रोहित को यह भूमिका निभाने के लिए राजी करना पड़ा।"
रोहित ने अपनी कप्तानी में सिर्फ एक अच्छी पारी खेली
नागपुर के चुनौतीपूर्ण ट्रैक पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 120 रनों के शानदार स्कोर को छोड़कर रोहित ने उस तरह के रन नहीं बनाए हैं, जैसी उनसे उम्मीद की जाती है। रोहित ने 2022 में टेस्ट कप्तानी संभाली थी। उनके कप्तान बनने के बाद भारत ने 10 टेस्ट खेले। इस दौरान रोहित अलग-अलग कारणों से तीन मैच नहीं खेल पाए।
कोहली ने पिछले 10 टेस्ट में 517 रन बनाए
कप्तान के तौर पर रोहित ने सात टेस्ट में 390 रन बनाए। 11 पारियों में उनका औसत 35.45 का रहा। एक शतक के अलावा वह कोई भी 50 या उससे अधिक रन की पारी नहीं खेल पाए। रोहित के कप्तान बनने के बाद विराट कोहली ने सभी 10 टेस्ट खेले। उन्होंने 17 पारियों में 517 रन बनाए। उनका उच्चतम स्कोर 186 रन अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था।
पुजारा बड़ी टीमों के खिलाफ हुए फेल
चेतेश्वर पुजारा ने उसी चरण में आठ टेस्ट खेले और 14 पारियों में 40.12 की औसत से 482 रन बनाए। उन्होंने एक 90 और 102 रन की पारी खेली। दोनों कमजोर टीम कही जाने वाली बांग्लादेश के खिलाफ बनाए थे। चयनकर्ताओं को पता है कि अगले तीन साल में 35 से ज्यादा उम्र की ये तीन खिलाड़ी एक साथ शीर्ष क्रम में नहीं रह सकते हैं। ऐसे में उन्हें कठिन फैसले लेने होंगे।

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