भारतीय कुश्ती की इस जगहंसाई से किसको क्या मिला?

बुधवार को शुरू हुआ दंगल शुक्रवार की रात हुआ समाप्त
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दिल्ली के जंतर-मंतर में जो हुआ उससे किसको क्या मिला इसका पता तो भविष्य में चलेगा लेकिन इससे जो जगहंसाई हुई उसकी कल्पना समझ से परे है। पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ के इस दंगल से यह बात तो सिद्ध हो ही गई कि अब खिलाड़ी खेलनहारों की तानाशाही कतई बर्दाश्त नहीं करने वाले। इस दंगल को हरियाणा बनाम उत्तर प्रदेश से जोड़ने की जो कोशिशें हुईं इससे भविष्य में पहलवानों का ही नुकसान हो सकता है।
भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ पहलवानों का धरना खत्म हो चुका है। भारत के 30 पहलवानों ने बुधवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। 
इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव-पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।
बुधवार सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन तीन दिन तक चला। शुक्रवार रात पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बात की और बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई। यहां हम 10 बिंदुओं में समझा रहे हैं कि अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है।
बुधवार (18 जनवरी) को बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित करीब 30 पहलवान धरने पर बैठ गए। उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने की मांग की। पहलवानों ने कहा कि अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोचों ने खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया के सामने सफाई दी। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये खिलाड़ी ट्रायल में भाग नहीं लेना चाहते, इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं। 
पहले कुश्ती संघ के सहायक सचिव फिर बबीता फोगाट ने पहलवानों से बात कर पूरा मामला जाना और इसे सुलझाने की कोशिश की, लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रहा। अनुराग ठाकुर और खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने भी पहलवानों से बात की, लेकिन पहलवान किसी के आश्वासन से संतुष्ट नहीं थे।
पहलवानों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा और उन्हें लगातार समर्थन मिलने लगा। सरकार और खेल मंत्रालय पर दबाव बढ़ा तो बातचीत का सिलसला भी बढ़ा, लेकिन पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। पहलवानों ने यह भी कहा कि उनके साथ 5-6 लड़कियां हैं, जिनका यौन शोषण हुआ है और इसे साबित करने के लिए उनके पास सबूत भी हैं। 
फोगाट खाप सहित अन्य खाप ने पहलवानों का समर्थन किया। इस बीच अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बातचीत कर कुश्ती संघ से आरोपों पर 72 घंटे के अंदर जवाब भी मांग लिया। पहलवानों ने मौजूदा कुश्ती संघ को खत्म कर नई व्यवस्था लागू करने की बात कही। विनेश फोगाट, अंशु मलिक और बजरंग पूनिया ने बृजभूषण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात भी पहलवानों के प्रदर्शन में पहुंचीं, लेकिन पहलवानों ने उन्हें मंच पर नहीं चढ़ने दिया और साफ किया कि उनका प्रदर्शन राजनीति से अलग है। उन्हें किसी राजनेता की जरूरत नहीं है। वह अपने हक के लिए लड़ सकते हैं। वह कुश्ती की भलाई के लिए विरोध कर रहे हैं। 
पहलवानों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। अब तक मीडिया में इस प्रदर्शन को लेकर काफी चर्चा हो रही थी। बृजभूषण सिंह के पुराने विवाद भी सुर्खियों में आ रहे थे। एक युवा पहलवान को थप्पड़ मारने का उनका वीडियो भी चर्चा में आ गया और उन पर इस्तीफे का दबाव बनने लगा। कई बड़े नेताओं ने उनका इस्तीफा मांग लिया। 
इस बीच बृजभूषण शरण सिंह इस्तीफा नहीं देने की बात पर अड़े रहे। उन्होंने पहलवानों पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनके समर्थन में दिव्या काकरान ने भी पहलवानों के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए। हालांकि, पहलवान भी बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे और साफ कर दिया कि जब तक बृजभूषण इस्तीफा नहीं देंगे तब तक धरना खत्म नहीं होगा। पहलवानों ने भारतीय ओलम्पिक संघ को भी इस मामले में पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की।
पहलवानों ने यह भी कहा कि अगर 20 जनवरी तक बृजभूषण इस्तीफा नहीं देते हैं तो पहलवान उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे और उन्हें जेल के पीछे भिजवाएंगे। तीसरे दिन बैठकें और चर्चाएं चलती रहीं, लेकिन पूरे दिन कोई नतीजा नहीं आया। पहलवानों ने अनुराग ठाकुर के साथ दूसरे दिन भी मुलाकात की थी, लेकिन कोई बयान नहीं दिया था। तीसरे दिन देर रात तक चली बैठक के बाद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। जांच पूरी होने तक वह संघ के काम में दखलअंदाजी नहीं करेंगे। बृजभूषण के हटने के साथ ही पहलवानों ने इस्तीफा वापस ले लिया। 
कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटने के बाद बृजभूषण सिंह ने कहा कि वह विदेश नहीं भागेंगे। उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं। वहीं, बृजभूषण पर लगे आरोपों की जांच के लिए भारतीय ओलम्पिक संघ ने भी समिति बना दी है। अगर समिति की जांच में बृजभूषण पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो उनका जेल जाना तय है। इस प्रदर्शन का असर आगामी चुनाव में भी दिखेगा, जिसमें बृजभूषण के बेटे का जीतना तय माना जा रहा था, लेकिन तीन दिन के प्रदर्शन ने हालात बदल दिए हैं। 

 

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