लोकल ट्रेन से रोज ढाई घंटे का सफर कर क्रिकेटर बनीं झूलन

1997 के विश्वकप फाइनल ने बदला जीवन
नई दिल्ली।
भारत की दिग्गज महिला तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी आज अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रही हैं। यह मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला जा रहा है। भारत की दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के अंतरराष्ट्रीय करियर का यह आखिरी मैच है। उनका पश्चिम बंगाल के एक छोटे से कस्बे से भारत की स्टार महिला क्रिकेटर बनने का सफर आसान नहीं रहा है।
पश्चिम बंगाल के चकदाह कस्बे की रहने वाली झूलन ने क्रिकेटर बनने के लिए काफी संघर्ष किया। कोलकाता के लिए पहली लोकल ट्रेन लेना और उत्तरी कोलकाता के श्रद्धानंद पार्क में अभ्यास के लिए आना आसान नहीं था। भारतीय टीम में पदार्पण के बाद भी जब वह चकदाह स्टेशन से घर लौटती थीं तो वह खुले वैन रिक्शा में बैठी नजर आती थीं।
अब महिलाओं का आईपीएल शुरू होने वाला है। महिला क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध मिला रहा है। वे अब मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी में घूम रही हैं। वहीं, झूलन द्वितीय श्रेणी के डिब्बों में यात्रा करने, छात्रावासों और युवा छात्रावासों में रहने के संघर्ष और अब सुख-सुविधाओं के बीच एक पुल रही हैं। सामान्य शौचालय से लेकर बिजनेस क्लास की यात्रा और उचित केंद्रीय अनुबंध और वित्तीय सुरक्षा के साथ पांच सितारों पर रहते हैं। इस बीच हुगली और टेम्स नदियों में काफी पानी बह गया है, जब झूलन क्रिकेट यात्रा पर निकली थीं।
झूलन ने अपने सफर को याद करते हुए शुक्रवार (23 सितंबर) को कहा था, ''सबसे अच्छी याद अपने पहले मैच में कप्तान से कैप मिलना और पहला ओवर फेंकने रही, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि कभी भारत के लिए खेलूंगी। सफर आसान नहीं था। ट्रेनिंग के लिए रोजाना ढाई घंटे लोकल ट्रेन से सफल करना पड़ता था।''
वह याद करती हैं कि 1997 का विश्वकप फाइनल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच ईडन गार्डन में खेला गया था जिसमें 90 हजार दर्शक शामिल थे। तब मैं बॉल गर्ल्स बनी थी। तब से सपना देखना शुरू किया था कि एक दिन देश के लिए खेलूंगी।
झूलन रिटायर हो रही हैं और बीसीसीआई अगले वर्ष से महिला आईपीएल शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने अभी अपना मन नहीं बनाया है कि वह महिला टी-20 लीग में खेलेंगी या नहीं। उन्होंने कहा, ''अभी इस पर विचार नहीं किया है। अभी अधिकृत रूप से इसकी घोषणा भी नहीं हुई, शायद अगले वर्ष होगी। एक बार एलान हो जाए फिर सोचेंगे।''
2017 विश्वकप के बाद वह चोटों से काफी परेशान रही हैं। उन्होंने कहा, ''मैं 2017 के विश्वकप के बाद हमेशा सोचती थी कि आने वाली सीरीज अंतिम होगी। चोट को लेकर परेशान रहीं, ये आसान नहीं होता। सीरीज दर सीरीज आगे बढ़ी। विश्वकप के बाद सोचा श्रीलंका के खिलाफ जुलाई में अंतिम बार खेलूंगी लेकिन चोट लग गई। उसके बाद इंग्लैंड सीरीज ही बची थी, लिहाजा राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी गई और फिटनेस हासिल की और अंतिम सीरीज खेलने आ गई।''
राष्ट्रगान और जर्सी मिस करेंगी
उन्होंने कहा कि अंतिम मैच में बेहतर प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वह मैच से पहले राष्ट्रगान और टीम इंडिया की जर्सी को मिस करेंगी। मेरे लिए वह श्रेष्ठ लम्हें होते हैं जब इंडिया की जर्सी में ड्रेसिंग रूम से आकर हम राष्ट्रगान गाते हैं। जिंदगी में चीजों को कहीं न कहीं विराम देना पड़ता है, मुझे खुशी है कि मैंने देश की 20 साल पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ सेवा की है।

रिलेटेड पोस्ट्स