सौरव गांगुली के आईसीसी अध्यक्ष बनने की अटकलें

दे सकते हैं बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा
खेलपथ
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई के संविधान में संशोधन की मंजूरी मिलने के बाद सौरव गांगुली और जय शाह के अपने-अपने पद पर बने रहना का रास्ता साफ हो गया है। गांगुली अगले तीन साल तक बीसीसीआई अध्यक्ष और जय शाह सचिव के पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में एक और खबर सामने आई है कि गांगुली आईसीसी अध्यक्ष की भूमिका में नजर आ सकते हैं वहीं, जय शाह बीसीसीआई अध्यक्ष बन सकते हैं। 
अरुण धूमल ने क्या कहा?
इसको लेकर बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इसका खंडन किया और कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। अरुण धूमल ने कहा, ''इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। न ही इसको लेकर बीसीसीआई कोई प्लानिंग कर रहा है। बोर्ड में इसे लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है।''दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दूसरे कार्यकाल को जारी रखने की मंजूरी मिलने के बाद से ही गांगुली के आईसीसी में जाने को लेकर बातें उठने लगी थीं। हालांकि, अरुण धूमल ने इन खबरों को खारिज कर दिया। आईसीसी के मौजूदा अध्यक्ष ग्रेगर बार्कले का कार्यकाल नवम्बर में खत्म हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बार्कले दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि वह दो और साल काम करना चाहते हैं। बार्कले ने कहा कि अगर सदस्य देश चाहें तो वह चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं।
हाल ही में हुए बर्मिंघम सम्मेलन में आईसीसी के नए प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया तय की गई थी। अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए अब दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता नहीं है। हाल के प्रस्ताव में कहा गया है कि विजेता वह होगा जिसे 51% वोट प्राप्त होंगे। आईसीसी के 16 बोर्ड सदस्य मिलकर अपना अध्यक्ष चुनते हैं। इसमें 12 टेस्ट खेलने वाले देश हैं। उम्मीदवार को अध्यक्ष बनने के लिए नौ बोर्ड के वोट या समर्थन की आवश्यकता होती है। आइए पहले जानते हैं वह देश कौन-कौन से हैं।
आईसीसी के 16 बोर्ड सदस्यः भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, जिम्बाब्वे, न्यूजीलैंड,अफगानिस्तान, आयरलैंड। इनके अलावा तीन सहयोगी देश मलेशिया, स्कॉटलैंड और सिंगापुर के तीन वोट होते हैं। एक वोट आईसीसी के स्वतंत्र निदेशक का होता है। फिलहाल इस पद पर पेप्सिको की इंदिरा नुई हैं।
भारत से चार लोग आईसीसी में अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। इनमें जगमोहन डालमिया (1997-2000), शरद पवार (2010-2012), एन श्रीनिवासन (2014-15) और शशांक मनोहर (2015-2020) शामिल हैं। दरअसल, आईसीसी में बीसीसीआई का पक्ष बेहद मजबूत है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। साथ ही गांगुली और जय शाह का कार्यकाल अक्टूबर 2022 में खत्म हो रहा है। इसी वजह से मीडिया में गांगुली के आईसीसी अध्यक्ष और जय शाह के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने की बात कही जा रही थी। हालांकि, अरुण धूमल ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। ऐसे में गांगुली और जय शाह बीसीसीआई में अपने-अपने पद पर बने रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद यह दोनों 2025 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।

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