नौ अनुभवी जांबाजों से विश्व कप जीतने उतरेगा भारत

वर्ल्ड कप के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों का रिकॉर्ड
खेलपथ संवाद
मुम्बई।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी है। 15 सदस्यीय टीम में चार बल्लेबाज, दो विकेटकीपर, चार ऑलराउंडर, एक स्पिनर और चार तेज गेंदबाजों को शामिल किया गया है वहीं, दो तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक बल्लेबाज स्टैंडबाय के तौर पर होगा। चयनकर्ताओं ने स्टैंडबाय खिलाड़ियों के तौर पर लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट का ध्यान रखा है। 
टीम इंडिया में शामिल ज्यादातर खिलाड़ी यूएई में खेले गए एशिया कप का हिस्सा थे। इनके अलावा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल की टीम में वापसी हुई है। वहीं, आवेश खान को बाहर कर दिया गया है। साथ ही आवेश को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज से भी बाहर कर दिया गया है। मोहम्मद शमी और दीपक चाहर टी-20 वर्ल्ड कप में स्टैंडबाय के तौर पर जाएंगे।
भारतीय टीम को इस वर्ल्ड कप में अच्छा करना है तो टीम के टॉप-3 बल्लेबाज को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। एशिया कप में इसकी कमी दिखी थी। रोहित और राहुल अच्छे फॉर्मे में नहीं थे। वर्ल्ड कप में भी टॉप-3 में रोहित, राहुल और विराट कोहली बैटिंग करेंगे। ये तीनों भारतीय टीम की रीढ़ हैं। रोहित और राहुल के नाम एशिया कप में मात्र एक अर्धशतक है। वहीं, कोहली ने एक शतक भी लगाया। ऐसे में पूरी जिम्मेदारी इन तीनों पर ही होगी। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा रन सूर्यकुमार यादव ने बनाए हैं। 
भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अब तक 136 टी-20 में 31.75 की औसत से 3620 रन बनाए हैं। उनके नाम टी-20 में सबसे ज्यादा चार शतक हैं। इसके अलावा उनके नाम 28 अर्धशतक भी हैं। वहीं, रोहित का स्ट्राइक रेट 140.64 का है। रोहित का टी-20 में हाईएस्ट स्कोर 118 रन का है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में रोहित कुछ खास टच में नहीं दिखे हैं। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक रोहित ने 20 मैचों में 30.63 की औसत और 146.23 के स्ट्राइक रेट से 582 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने चार अर्धशतक लगाए हैं और सिर्फ एक बार शून्य पर पवेलियन लौटे हैं। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप से अब तक उनका हाईएस्ट स्कोर 72 रन का रहा है। 
इस महीने से पहले विराट कोहली को टी-20 फॉर्मेट से बाहर करने की मांग की जा रही थी। हालांकि, एशिया कप कोहली के वरदान साबित हुआ। उन्होंने न सिर्फ इस टूर्नामेंट से अपना खोया हुआ फॉर्म वापस पाया, बल्कि टी-20 अंतरराष्ट्रीय में अपना पहला शतक भी जड़ दिया। कोहली को ऑस्ट्रेलिया में रन बनाना पसंद है और वह मिशन टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का अहम हिस्सा होंगे। कोहली ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 104 मैचों में 51.94 की औसत और 138.38 के स्ट्राइक रेट से 3584 रन बनाए हैं। उनके नाम इस फॉर्मेट में एक शतक और 32 अर्धशतक है। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर अब तक विराट ने नौ टी-20 मैचों में 51 की औसत और 142.80 के स्ट्राइक रेट से 357 रन बनाए। हैं। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और तीन अर्धशतक निकले हैं।
सूर्यकुमार पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से टीम इंडिया के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। 16 नवंबर 2021 से लेकर अब तक उन्होंने भारत के लिए 20 मैचों में 35 की औसत और 176.47 के स्ट्राइक रेट से 630 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने एक शतक और चार अर्धशतक लगाए हैं। साथ ही दो बार शून्य पर भी आउट हुए हैं। सूर्या ने अब तक 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 36.86 की औसत और 173.29 के स्ट्राइक रेट से 811 रन बनाए हैं। उनके नाम एक शतक और छह अर्धशतक हैं।
राहुल का फॉर्म पिछले कुछ समय से चिंता का विषय रहा है। एशिया कप में भी वह अपने टच में नहीं दिखे थे। 2022 में राहुल ज्यादातर चोट से जूझते रहे हैं। इस वजह से उन्हें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम में नहीं चुना गया था। हालांकि, अब वह पूरी तरह फिट हो चुके हैं। राहुल का फॉर्म में रहना टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। राहुल किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं। ऐसे में टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम मैनेजमेंट और फैन्स को उनसे काफी उम्मीदें होंगी। राहुल के नाम 61 टी-20 में 39.26 की औसत और 140.92 के स्ट्राइक रेट से 1963 रन हैं। उनके नाम इस फॉर्मेट में दो शतक और 17 अर्धशतक हैं। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक राहुल ने भारत के लिए सिर्फ सात टी-20 खेले हैं और 30.28 की औसत और 123.97 के स्ट्राइक रेट से 212 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ दो अर्धशतक निकले हैं।
ऋषभ पंत का फॉर्म टी-20 फॉर्मेट में कुछ खास नहीं रहा है। 58 टी-20 में पंत ने 23.95 की औसत और 126.39 के स्ट्राइक रेट से 934 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से इस फॉर्मेट में सिर्फ तीन अर्धशतक निकले हैं। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद पंत ने 20 टी-20I खेले हैं और 26.46 की औसत और 131.29 के स्ट्राइक रेट से 344 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से इस दौरान सिर्फ एक अर्धशतक निकला है।
दिनेश कार्तिक ने इस साल आईपीएल में कई शानदार पारियां खेलीं और अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए मैच फिनिश किया। इसी वजह से उनकी टीम इंडिया में वापसी हुई। भारतीय टीम में भी इस साल उन्होंने कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं। ऐसे में उनका रोल काफी अहम होगा। कार्तिक ने भारत के लिए 50 टी-20 में 28.19 की औसत और 139.95 के स्ट्राइक रेट से 592 रन बनाए हैं। 
हार्दिक पंड्या टीम इंडिया के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाएंगे। लंबे-लंबे शॉट खेलने की काबिलियत और मध्यम तेज गति की गेंदबाजी उन्हें भारतीय टीम के लिए अहम खिलाड़ी बनाती है। ऑस्ट्रेलिया की हार्ड पिच पर हार्दिक टीम के लिए गेंदबाजी में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने अब तक भारत के लिए 70 टी-20 में 23.26 की औसत और 144.68 के स्ट्राइक रेट से 884 रन बनाए हैं। वहीं, 54 विकेट भी लिए हैं। पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से हार्दिक ने भारत के लिए 16 टी-20 खेले हैं। इसमें 142.06 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने 331 रन बनाए हैं।  पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से हार्दिक ने 16 टी-20 खेले हैं और 331 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने इस दौरान 12 विकेट भी लिए हैं।
पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद दीपक हुड्डा की टीम इंडिया में एंट्री हुई। इसके बाद से उन्होंने कई अहम पारियां खेली हैं। दीपक लंबे-लंबे शॉट लगाने में माहिर हैं और ऑफ स्पिन भी कर सकते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि उन्हें किस नंबर पर खिलाया जाता है, क्योंकि दीपक ने ज्यादातर रन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बनाए हैं। वहीं, टी-20 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई टीम में कोहली तीसरे और सूर्यकुमार चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए दिखेंगे। ऐसे में दीपक को मैच फिनिशर की भूमिका दी जाएगी, जबकि इस भूमिका में वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं। दीपक ने अब तक 12 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 41.86 की औसत और 155.85 के स्ट्राइक रेट से 293 रन बनाए हैं। इसमें एक शतक शामिल है।
अश्विन ने पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के लिए आश्चर्यजनक रूप से टीम इंडिया में वापसी की थी। तब तीन साल बाद वह टी-20 टीम में जगह बना पाए थे। तब से लेकर अब तक वह लगातार टी-20 टीम का हिस्सा रहे हैं। अश्विन मिडिल के ओवर्स में रन रोकने और विकेट निकालने में माहिर हैं। इसके अलावा लोअर ऑर्डर में अश्विन रन भी बना सकते हैं। अब तक 56 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में अश्विन ने 32.2 की औसत और 116.67 के स्ट्राइक रेट से 161 रन बनाए हैं। इसके अलावा 66 विकेट भी लिए हैं। आठ रन देकर चार विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अश्विन ने सात टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं और आठ विकेट लिए हैं। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 6.46 का रहा है।
रवींद्र जडेजा का चोटिल होना इस ऑलराउंडर के वरदान साबित हुआ। अक्षर भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया जाएंगे। वह टीम इंडिया के लिए काफी अहम रहने वाले हैं। अक्षर आखिरी ओवरों में बड़े हिट लगाने में माहिर हैं। इसके अलावा वह सधी हुई ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। अक्षर ने अब तक 26 टी-20 में 137.38 के स्ट्राइक रेट से 147 रन बनाए हैं। इसके अलावा 21 विकेट भी लिए हैं। नौ रन देकर तीन विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। अक्षर का इकोनॉमी रेट भी केवल 7.27 का है। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से अक्षर ने 14 टी-20 खेले हैं और 12 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने जडेजा से ज्यादा विकेट निकाले हैं। जडेजा ने इस दौरान सिर्फ पांच विकेट ही निकाले हैं।
पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को लेग स्पिनर की कमी खली थी। इस साल टीम इंडिया वही गलती न दोहराते हुए चहल को स्क्वॉड में शामिल किया है। चहल ने अब तक 66 टी-20 में भारत के लिए 83 विकेट लिए हैं। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से वह लगातार टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं और 17 मैचों में 20 विकेट लिए हैं। पिछले एक साल में वह इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाजों में शामिल हैं। चहल चतुराई भरी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं और ऑस्ट्रेलिया में उनका रोल काफी महत्वपूर्ण होगा।
बुमराह इस साल इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बाद चोटिल हो गए थे। एशिया कप में उनकी कमी खली। हालांकि, अब वह टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा होंगे। अंतिम ओवरों के विशेषज्ञ और यॉर्कर फेंकने की सटीक क्षमता बुमराह को खास बनाती है। अपनी मौजूदा फॉर्म के चलते बुमराह इस वक्त बेहद घातक गेंदबाज साबित हो रहे हैं। 58 टी-20 में बुमराह ने 69 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट सात से भी कम है। 11 रन देकर तीन विकेट इस फॉर्मेट में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। बुमराह ने पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से सिर्फ तीन टी-20 खेले हैं और तीन विकेट चटकाए हैं। हालांकि, वह ऑस्ट्रेलिया की फास्ट बॉलिंग के लिए मददगार पिच पर कहर बरपा सकते हैं।
भुवनेश्वर कुमार पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर अब तक भारत के लिए इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने इस दौरान 25 टी-20 मैचों में 34 विकेट चटकाए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 6.74 का रहा है। भुवी ने अब तक ओवरऑल 77 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 84 विकेट चटकाए हैं। चार रन देकर पांच विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। ऑस्ट्रेलिया में भुवनेश्वर कुमार भारत के लिए स्विंग बॉलर की भूमिका निभाएंगे। उनकी जिम्मेदारी शुरुआत में विकेट निकालने की होगी।
हर्षल पटेल के लिए 2021 आईपीएल शानदार रहा था। इसके बाद से वह लगातार चयनकर्ताओं की नजरों में थे। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया गया। अब तक हर्षल ने भारत के लिए 17 टी-20 में 23 विकेट लिए हैं। स्पीड में वेरिएशन और लगातार यॉर्कर फेंकना उनकी खासियत है। वह डेथ ओवर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। हर्षल टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया में महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।
पिछले एक साल में जिस तेज गेंदबाज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, वह हैं अर्शदीप सिंह। अर्शदीप टीम इंडिया में मौजूद बाएं हाथ के एकमात्र तेज गेंदबाज हैं। वह भी डेथ ओवर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 20वें ओवर में घातक गेंदबाजी की थी। हालांकि, टीम इंडिया यह दोनों मैच नहीं जीत पाई थी, लेकिन अर्शदीप ने दिखा दिया था कि वह लगातार यॉर्कर मारने में समर्थ हैं। अर्शदीप ने अब तक टीम इंडिया के लिए 11 टी-20 खेले हैं और 14 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 7.39 का रहा है। 
टी-20 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम-
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह। स्टैंडबाय: मोहम्मद शमी, दीपक चाहर, श्रेयस अय्यर, रवि बिश्नोई।

 

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