ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता को 110 साल बाद मिला इंसाफ

पेशेवर खिलाड़ी होने के चलते जिम थोर्पे से छिने थे पदक
वर्ल्ड एथलेटिक्स भी अपने रिकॉर्ड में संशोधन को तैयार 
लुसाने (स्विट्जरलैंड)।
अमेरिका के जिम थोर्पे को 1912 स्टाकहोम ओलम्पिक में ट्रैक एंड फील्ड की पेंटाथलान एवं डेकाथलान स्पर्धा का एकमात्र विजेता घोषित कर दिया गया है। 110 साल पहले उनसे ये स्वर्ण खेलों की गैर-पेशेवर प्रकृति के कड़े नियमों के कारण छीन लिए गए थे। दरअसल ओलम्पिक खेलों में सिर्फ गैर पेशेवर खिलाड़ी ही हिस्सा ले सकते हैं। 
अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने उनके पदक जीतने की 110वीं सालगिरह पर शुक्रवार को यह घोषणा करने का निर्णय लिया। आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा- हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, अंतत: एक हल निकल पाया। यह एक असाधारण और अनूठी स्थिति थी। 
स्टाकहोम में स्वर्ण जीतने के बाद जिम ने न्यूयॉर्क में परेड में भी हिस्सा लिया था जिसमें उनका जोरदार स्वागत हुआ था। स्वीडन के किंग गुस्ताव पंचम ने उन्हें समापन समारोह में महानतम एथलीट भी करार दिया था। कुछ महीनों बाद पाया गया कि उन्होंने दो सीजन में बेसबॉल लीग में खेलने का पैसा मिला था। ऐसे में वह एक पेशेवर खिलाड़ी हो गए थे। 
ओलम्पिक में एमेच्योर (गैर-पेशेवर) खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। खेल के बदले पैसा मिलना एमेच्योर प्रवृति के विपरीत माना गया। उनके पदक छीन लिए गए और तब इसे अंतरराष्ट्रीय खेलों का पहला बड़ा स्कैंडल माना गया था। थोर्पे की गिनती हमेशा सर्वकालिक महान एथलीटों में होती रही है। उन्हें 1950 में एसोसिएट प्रेस ने अर्द्धशताब्दी का श्रेष्ठ एथलीट चुना था। थोर्पे के दबदबे का यह आलम था कि पेंटाथलान (पांच खेलों की स्पर्धा) में उनके अंक लगभग तीन गुणा और डेकाथलान में दूसरे स्थान पर रहे खिलाड़ी से 688 ज्यादा रहे।  
मौत के 29 साल बाद डुप्लीकेट मेडल दिए गए
जिम का निधन 1953 में हो गया था और उनकी मृत्यु के 29 साल के बाद उनके परिवार को डुप्लीकेट स्वर्ण पदक दिए गए लेकिन उनके रिकॉर्ड को शामिल नहीं किया गया था और न ही दो स्पर्धाओं (पेंटाथलान और डेकाथलान) में उनका विजेता होने का दर्जा घोषित किया गया था। दो साल पहले ब्राइट पाथ स्ट्रांग समूह ने एक याचिका डाली थी जिसमें उन्हें 1912 में दोनों स्पर्धाओं का विजेता घोषित करने की पैरवी की गई थी। अब आईओसी ने उन्हें अधिकृत रिकॉर्ड बुक में शामिल कर लिया है। आईओसी का कहना है कि वर्ल्ड एथलेटिक्स भी अपने रिकॉर्ड में संशोधन को तैयार हो गया है।  

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