बनारस की नीलू मिश्रा के हौसले को सलाम

मौत से जंग जीत नीलू ने सोने से भरी भारत की झोली
खेलपथ संवाद
वाराणसी।
जिंदगी हर कदम एक नई जंग है... इस जंग में वही सफल हुआ है, जिसने हर परिस्थिति में भी खुद को ढाल लिया। ऐसा ही नाम है अंतरराष्ट्रीय एथलीट बनारस की नीलू मिश्रा। जी हां, छह साल तक बेड पर रहने के बाद भी आज नीलू मैदान में जब फर्राटा भरती हैं तो हर किसी की सांसें थम सी जाती हैं। नीलू एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने मौत से जंग जीतकर भारत की झोली सोने से भरी है।
बनारस की रहने वाली एथलीट नीलू मिश्रा अब तक भारत को 26 गोल्ड मेडल जीतकर दे चुकी हैं। नीलू की उम्र 46 साल है। उनका 21 साल का एक बेटा भी है। रविवार को अहिल्या बाई होल्कर जिला स्टेडियम में आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय पुरुष-महिला मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने बनारस से नीलू मिश्रा अलीगढ़ पहुंचीं। यहां नीलू मिश्रा ने रविवार को 200 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान हासिल कर बता दिया कि वह आज भी फिट हैं।
बीमारी की वजह से बेड पर रहीं छह साल :
नीलू ने बताया कि 2002 में किडनी फेल और हार्ट की बीमारी की वजह से छह साल तक बेड पर रहीं। 85 किलो वेट हो गया था। इस दौरान मिसकैरेज से ब्लीडिंग को झेलना पड़ा था। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। कुछ दिनों बाद डॉक्टर की सलाह पर 2008 में ट्रैक पर टहलना फिर दौड़ना शुरू किया। 2009 में हरियाणा में नेशनल खेला और गोल्ड हासिल किया। अब तक 57 नेशनल और इंटरनेशनल मेडल जीत चुकीं हैं।
ब्यूटी क्वीन का खिताब भी किया है अपने नाम :
नीलू खेल के मैदान पर ही नहीं बल्कि रैंप पर भी अपना जलवा बिखेर चुकी हैं। वह 23 जुलाई 2017 को बेंगलूरु के चेयरमैन क्लब में मास्टर्स एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एशिया मास्टर्स एथलेटिक्स-डे पर आयोजित ब्यूटी कांटेस्ट में ब्यूटी क्वीन का खिताब भी जीत चुकी हैं। 
डीपीआरओ पद पर कार्यरत हैं :
अंतरराष्ट्रीय एथलीट नीलू वर्तमान में बनारस में डीपीआरओ के पद पर तैनात हैं। वह पिछले 10 वर्षों से खेलों के माध्यम से मलिन बस्ती के बच्चों को खेलों के द्वारा मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य भी कर रही हैं। इसके साथ ही थर्ड जेंडर, गर्भवती महिलाओं, बाल विवाह, यौन शोषण के खिलाफ भी समय-समय पर आवाज बुलंद कर रही हैं। 
नीलू ने ये जीते ये मेडल:
-2009 में पहली बार फिनलैंड में मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
-2010 में बैंकाक ओपन मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में गोल्ड।
-2010 चेन्नई एशियन टूर्नामेंट में 3 गोल्ड।
-2010 मलेशिया- मास्टर्स एथलेटिक्स में 4 गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल।
-2011 मलेशिया में 4 गोल्ड एक सिल्वर मेडल।
-2011 चंडीगढ़ में 3 गोल्ड और एक सिल्वर।
-2012 बैंगलौर- एशियन ओपन चैम्पियनशिप में 1 गोल्ड ओर 2 गोल्ड।
-2012 थाईलैंड में मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में 5 गोल्ड।
-2012 चीन में ओपन मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड।
-2014 मलेशिया में मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड 4 सल्विर।
-2014 जापान में मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में 4 सिल्वर।
-2016 सिंगापुर मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप में 1 सिल्वर और एक ब्रॉन्ज।
-2017 दिल्ली में आयोजित एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक। 
-2018 तमिलनाडु में आयोजित एथलेटिक्स प्रतियोगिता में रजत पदम। 
कुल पदकों की संख्या:
स्वर्ण पदक-26, रजत पदक -23, कांस्य पदक-09 

नोट : इसके अलावा 300 से ज्यादा मेडल लोकल और स्टेट और डिस्ट्रिक लेवल नीलू मिश्रा ने हासिल किए हैं।

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