खुशी मिली इतनी कि मन में न समाय

खेलपथ संवाद ग्वालियर। महामारी से उदास देश को महिला हॉकी टीम ने एक उत्सव जैसी उमंग व उत्साह दे दिया। हाल ही में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने और रविवार को पीवी सिंधु द्वारा कांस्य पदक जीतने से देश को जो खुशी मिली थी, इस जीत ने उसे दोगुना कर दिया। पूरा देश खुशी से झूम उठा। प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक ने अपनी-अपनी तरह से टीम को बधाई देकर उसका हौसला बढ़ाया।  दरअसल, लगातार तीन मैच हारने के बाद लोग भूल ही गए थे कि भ.......

जमीनी स्तर पर हो खेलों में काम

रातोंरात ओलम्पियन नहीं मिलते श्रीप्रकाश शुक्ला टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया कि उन्हें यदि जमीनी स्तर पर सुविधाएं मिलें तो वह भी दुनिया के खिलाड़ियों से मुकाबला करने में सक्षम हैं। देखा जाए तो हमारे देश में बड़ी प्रतियोगिताओं के समय ही खिलाड़ियों की बलैयां ली जाती हैं। टोक्यो ओलम्पिक में गांव व छोटे शहरों से आये खिलाड़ियों ने अविश्वसनीय प्रदर्शन करके देश का गौरव बढ़ाया है। बेहद मुश्किल हालातों और अभावों की तपिश से निखरी इन प्.......

13 साल का हुआ खेलपथ

प्रवेशांक हाथ आते ही सहनी पड़ी थी पितृ-विछोह की वेदना आप सब मेरी ताकत हैं, आप सब मेरा हौसला हैं। आप जैसे सुधि पाठकों के प्रोत्साहन से ही खेलपथ अपने प्रकाशन के 13 साल पूरा कर सका है। आपके स्नेह से मिला सम्बल हर पल-हर क्षण खेलों के लिए कुछ करने को अभिप्रेरित करता है। खेलों से जुड़ाव की जहां तक बात है, बचपन से पचपन तक किसी न किसी रूप में मैदानों से जुड़ा रहा हूं। रायबरेली जिले के कोड़रा गांव के ऊबड़-खाबड़.......

जीती रहो, जीतती रहो मीराबाई

मेरी एक जिज्ञासा है। उन्हें छोड़कर जो खेलों में विशेष दिलचस्पी रखते हैं, हम सब 'देशप्रेमीजन' मीराबाई चानू को पहले भी जानते थे क्या? हमें उसकी शख़्सियत, क्षमता और संघर्ष का अंदाज़ा था क्या? जी नहीं, मैं इस अजेय, अनुकरणीय उपलब्धि को कम कर के नहीं देख रही। इसके लिए वही उत्साह और वही सम्मान मेरे मन में है जो किसी भी भारतीय के मन में इस समय होगा बल्कि उससे कहीं ज़्यादा क्योंकि इस उपलब्धि को अपनी मुट्ठी में करने वाली एक लड़की है और लड़कियों की किसी भी उपलब्धि को मै.......

चांदी सी चमकी मीराबाई चानू

भारत के लिए ओलम्पिक खेलों में इससे बेहतर शुरुआत क्या हो सकती थी? वैश्विक महामारी कोरोना के साये में एक साल विलम्ब से आयोजित टोक्यो ओलम्पिक खेलों में पहले ही दिन रजत पदक—वह भी भारोत्तोलन में और महिला खिलाड़ी द्वारा। आबादी के लिहाज से दुनिया में दूसरे नम्बर पर होने के बावजूद ओलम्पिक पदक तालिका में फिसड्डी रहने के लिए उपहास और आलोचना का पात्र बनने को अभिशप्त देश को यह गौरव दिलवाया है, सुदूर पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की 26 वर्षीय सैखोम मीराबाई चानू ने। ओलम्.......

उम्मीदों पर खरे उतरने की चुनौती

सवा सौ खिलाड़ियों की तरफ भारतीय नजरें ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की त्रासदी से जूझ रही है, ओलंपिक खेलों का आज होने वाला उद्घाटन समारोह दुनिया के खेल प्रेमियों को सुकून ही देगा। हालांकि, इन खेलों का आयोजन पहली बार एक साल के स्थगन के बाद जापान में हो रहा है, लेकिन खेलों के आयोजन को लेकर दिखायी गई प्रतिबद्धता मनुष्य की जिजीविषा का ही पर्याय है।  जापान में इन खेलों का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब य.......

बेचारा खिलाड़ी क्या करे?

जमीनी खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं क्यों नहीं श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। आप खेलप्रेमी हैं। आप चाहते हैं कि मैदानों में भारतीय जांबाज खिलाड़ी जीत का परचम फहराएं ताकि दुनिया में देश का माथा गर्व और गौरव से ऊंचा रहे। हम इतराएं, यह जताएं कि भारत शक्ति-सम्पन्न है। आपकी अपेक्षा जब खिलाड़ी पूरा नहीं करते तो आप उन्हें भला-बुरा कहते हो। मैं भी कहता हूं। अनाप-शनाप लिखता हूं लेकिन क्यों। हम या हमारी हुकूमतों ने आजादी के सात दशक में खिलाड़ियों क.......

69 साल पहले बेटियों ने ओलम्पिक में जगाई थी उम्मीद की लौ

टोक्यो में रिकॉर्ड 55 बेटियां 16 खेलों में करेंगी शिरकत  खेलपथ संवाद नई दिल्ली। चार बेटियां, दो खेल और पांच स्पर्धाएं। 69 साल  पहले 21 जुलाई 1952 को हेलसिंकी ओलम्पिक खेलों के महासमर में पहली बार मैदान पर उतरकर भारतीय बेटियों ने जो उम्मीद की लौ जगाई थी वह अब मशाल बन चुकी है। हेलसिंकी से बेटियों ने जो ऐतिहासिक सफर शुरू किया था वह टेढ़ी-मेड़ी पगडंडियों से होता हुआ अब जापान की राजधानी टोक्यो पहुंच चुका है। वह भी रिकॉर्ड 55 बेटि.......

खिलाड़ियों नहीं खेलनहारों पर होगा अधिक खर्च

आईओए के 23 सदस्यों पर खर्च होंगे 2.30 करोड़ खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो जाने वाले भारतीय ओलम्पिक संघ के 23 सदस्यीय दल पर 2.30 करोड़ से अधिक राशि खर्च की जा रही है। इसे हम ओलम्पिक के बहाने भारतीय ओलम्पिक संघ के साल के अंत में होने वाले चुनाव की तैयारी की शुरुआत मान सकते हैं।  भारतीय ओलम्पिक संघ सभी राष्ट्रीय खेल संघों और राज्य ओलम्पिक संघों के एक-एक प्रतिनिधि को आठ दिन के लिए टोक्यो ले जा रहा था। बड़ी संख्या में प्रतिनिध.......

ओलम्पिक में बढ़ता ही गया महिला खिलाड़ियों का कारवां

69 साल में महिला एथलीटों की संख्या 14 गुना बढ़ी इस बार 55 पेश करेंगी चुनौती जिनमें 35 पहली बार खेलेंगी  खेलपथ संवाद।  नई दिल्ली। बेटियां न ही कमजोर हैं, न ही बेटों से कमतर। ओलम्पिक खेलों के महाकुम्भ में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने 69 साल के सफर में न केवल 14 फीसदी बढ़ोत्तरी की बल्कि कई दफा तो मुल्क की नाक कटने से भी बचाई। 2000 सिडनी ओलम्पिक में भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी तो 2016 रियो ओलम्पिक में शटलर पीवी सिंधू औ.......