राष्ट्रमंडल कुश्ती का खिताब बचाने पर संकट

जिस फ्लाइट से टीम को जाना था वो हुई रद्द
60 भारतीय पहलवानों को है खेलना  
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय पहलवानों की राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में भागीदारी खतरे में पड़ गई है। जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में होने वाली इस चैम्पियनशिप के लिए जिस फ्लाइट से पहलवानों को जाना था वह कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के अफ्रीकी देश में पाए जाने के चलते रद्द कर दी गई है। 
इसके साथ ही भारतीय पहलवानों के राष्ट्रमंडल कुश्ती के खिताब बचाने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। चार साल पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई इस चैम्पियनशिप में भारत ने 30 में से 25 स्वर्ण अपने नाम किए थे। इस बार भी 60 पहलवानों का दल इस चैम्पियनशिप में उतरने की तैयारी में है।
भारतीय पहलवानों को टुकड़ो में एक दिसंबर से दोहा होकर जोहानिसबर्ग पहुंचना है, लेकिन कुश्ती संघ को सूचना मिली कि दोहा ने दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुबई से जाने पर पहलवानों को नए सिरे से ट्रांजिट वीजा के लिए आवेदन करना होगा। 
यूरोप होकर जोहानिसबर्ग पहुंचने की संभावनाएं कम है। हालांकि ओमिक्रान के सामने आने से पहले ही खेल मंत्रालय ने 60 पहलवानों के दौरे को हरी झंडी दे दी थी। 30 पहलवान सरकार के खर्च पर और 30 पहलवान निजी खर्च पर चैम्पियनशिप के लिए चुने गए हैं।
कुश्ती संघ आने वाले दो दिनों में टीम को भेजने की कोशिश करेगा, लेकिन फ्लाइट नहीं मिलने की स्थिति में दौरा खटाई में पड़ जाएगा। चैम्पियनशिप के जरिए दंगल गर्ल गीता चार साल बाद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में वापसी कर रही हैं। चार साल पहले गीता ने इसी चैम्पियनशिप में 59 किलो में स्वर्ण जीता था। 
बजरंग की पत्नी और गीता की बहन संगीता को भी इस चैम्पियनशिप में जाना था, लेकिन उन्होंने अंतिम क्षणों में नाम वापस ले लिया। पिछली चैम्पियनशिप में पुरुष पहलवानों ने फ्रीस्टाइल में नौ, ग्रीको रोमन में आठ और महिला पहलवानों ने आठ स्वर्ण जीते थे।

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