चार साल बाद अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलेंगी महिला पहलवान गीता फोगाट

तीन से पांच दिसंबर को होगा टूर्नामेंट
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
देश के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण जीतने के साथ ओलम्पिक में शिरकत करने वाली पहली महिला पहलवान गीता फोगाट चार साल बाद (मां बनने के बाद पहली बार) अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलेंगी।
दंगल गर्ल गीता (59 किलोग्राम) दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में तीन से पांच दिसंबर को होने वाली राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में खेलेंगी। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत जीतने के बाद भारतीय कुश्ती संघ ने उनका चयन इस चैम्पियनशिप के लिए किया है।
इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण और रजत जीतने वाले पहलवान शिरकत करेंगे। गीता ने कहा कि वह कुश्ती से दूर जरूर हो गई थीं, लेकिन उनके दिमाग में लगातार वापसी का ख्याल चलता रहता था। कुछ माह पूर्व तक उनका वजन 92 किलो पहुंच गया था। इसमें वापसी के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। पति पवन कुमार ने उन्हें हौसला दिया और वह वजन कम करने में जुट गई। राष्ट्रीय चैंपियनशिप से पहले उन्होंने अपना वजन 59 किलो कर लिया।
ओलंपिक वजन 57 किलो में चाहती हैं वापसी : गीता सिंघु बॉर्डर के पास अखाड़े में तैयारियां कर रही हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य स्टेमिना और सामर्थ्य बनाना है। इसके लिए वह लड़कों के साथ प्रैक्टिस कर रही हैं। गीता के मुताबिक उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की सख्त जरूरत है। इसमें अच्छे प्रदर्शन के बाद ही मनोबल बढ़ेगा।
गीता ने अंतिम बार 2017 में तुर्की में हुए टूर्नामेंट हिस्सा लिया था। वह दो बार राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप का स्वर्ण जीत चुकी हैं। 32 साल की गीता कहती हैं कि उनकी कोशिश रहेगी कि वह 57 किलो भार वर्ग में अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में खेलें। हालांकि उनका अंतिम लक्ष्य 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना है।

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